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पायलट सहित 12 मंत्रियों को संगठन में भी पद क्यों, कांग्रेस में सवाल

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मध्य प्रदेश ही नहीं राजस्थान कांग्रेस संगठन में भी खींचतान मची है. सरकार के साथ संगठन में भी पद लेने वालों के खिलाफ आवाज उठने लगी है. करीब एक दर्जन मंत्री हैं, जो राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य संगठन में भी काबिज हैं. राजस्व मंत्री बनने के बाद कांग्रेस महासचिव का पद छोड़ने वाले हरीश चौधरी ने अब पार्टी में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ का हवाला देते हुए मंत्रियों को संगठन के पद से हटाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय से भी मुलाकात की. तर्क दिया गया कि मंत्रियों के संगठन के पदों को छोड़ने से नए चेहरों को मौका मिलेगा. उधर संगठन के पदों पर भी काबिज कई मंत्रियों का कहना है कि आलाकमान जब तक नहीं कहेगा तब तक वे पद नहीं छोड़ेंगे.

क्या निशाने पर पायलट हैं

अशोक गहलोत सरकार में सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री हैं. उनके पास प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है. सूत्र बताते हैं कि सूबे में गहलोत और सचिन पायलट के गुटों के बीच सरकार बनने के बाद से ही चल रही है. ऐसे में अब विरोधी धड़ा एक व्यक्ति-पद सिद्धांत की मांग उठाकर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की कोशिश में है.

दरअसल उप मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष भी रहने से सचिन पायलट संगठन और सरकार दोनों में प्रभावी हैं. विरोधी खेमे को यह बात हजम नहीं हो रही है. दूसरी तरफ पार्टी के ऐसे भी नेता एक व्यक्ति-एक पद की मांग उठा रहे हैं जो संगठन में खाली होने वाले पदों की रेस में खुद को मान रहे हैं.

12 नेता संगठन और सरकार दोनों मे हैं

राजस्थान में कांग्रेस के 12 नेताओं के पास दोहरी जिम्मेदारियां हैं. अब तक सिर्फ राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और टीकाराम चौधरी ने ही संगठन में राष्ट्रीय महासचिव और अलवर जिलाध्यक्ष का पद छोड़ा है. जबकि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, मंत्री प्रमोद जैन, उदय लाल आंजना, विश्वेंद्र सिंह, मास्टर भंवरलाल प्रदेश उपाध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं.

इसी तरह श्रम मंत्री राजेंद्र यादव जयपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष, मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया प्रदेश सचिव हैं. ममता भूपेश गहलोत सरकार में मंत्री होने के साथ महिला कांग्रेस में महासचिव भी हैं.