उन्होंने बताया कि ऑर्बिटर से जो थर्मल तस्वीरें मिली हैं उनसे विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है। हालांकि, अभी तक विक्रम से संपर्क नहीं साधा जा सका है। उन्होंने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रहे है, जल्द ही हम उससे संपर्क साध लेंगे। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में जो ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) लगा है उसके जरिए ही विक्रम लैंडर की तस्वीर सामने आई हैं।
ISRO अब ये पता लगाने की कोशिश करेगा की क्या विक्रम में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी हुई जिस वजह से उससे संपर्क टूटा या दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हुआ। साथ ही लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश की जा रही है ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके। अभी तक आशंका जताई जा रही थी कि कहीं विक्रम किसी गढ्डे में तो नहीं चला गया है। अब के.सिवन द्वारा दी गई इस जानकारी से नई उम्मीद जागी है। दरअसल, 6 से 7 सितंबर की मध्य रात्रि लैंडर विक्रम चांद की सत्ह पर लैंड करने ही वाला था कि महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर विक्रम से संपर्क टूट गया। वैज्ञानिकों ने इसके बाद लगातार उससे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन, वह कामयाब नहीं हो पाए।_
95 प्रतिशत पूरा हुआ मिशन का कार्य:-
इसरो के अनुसार, चंद्रयान -2 मिशन के उद्देश्यों में से 90 से 95 प्रतिशत को पूरा किया गया है और शनिवार को लैंडर के साथ संचार के नुकसान के बावजूद यह मिशन जारी रहेगा। गौरतलब है कि इससे पहले एजेंसी ने कहा था कि वो अगले 14 दिनों के लिए विक्रम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेगी। इसके लिए ऑर्बिटर से आने वाली जानकारी काफी महत्वपूर्ण होगी।