बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और कृषि संकट को लेकर आगामी 30 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली कांग्रेस की रैली रद्द कर दी गई है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि शीतकालीन सत्र के मद्देनजर रैली का आयोजन 14 दिसंबर के बाद होगा। कांग्रेस का कहना है कि रैली के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’ को जनता के समक्ष बेनकाब किया जाएगा।
मुख्य विपक्षी पार्टी इन मुद्दों को लेकर पहले ही जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन कर रही है और इसका समापन दिल्ली की रैली से होगा जिसे ‘भारत बचाओ रैली’ नाम दिया गया है। कांग्रेस ने पांच नवम्बर से 15 नवम्बर के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन करने की योजना बनाई थी, हालांकि अयोध्या मामले का फैसला आने की पृष्ठभूमि में कुछ राज्यों में पार्टी ने इस कार्यक्रम को थोड़ा आगे बढ़ा दिया है। पार्टी का कहना है कि उसने पिछले कुछ दिनों देश के अलग अलग हिस्सों में मोदी सरकार की ‘विफलताओं” को उजागर करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
इससे पहले कांग्रेस महसचिवों, प्रदेश प्रभारियों, विभाग अध्यक्षों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुखों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में 30 नवम्बर की रैली करने का निर्णय हुआ था। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ” भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भारत को बर्बाद कर दिया है। उसने भारत को मंदी और तालाबंदी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है, भारत को भुखमरी की तरफ धकेल दिया है और भारत को बेरोजगारी के कुएं में धकेल दिया है। इस सरकार ने भारत की सम्प्रभुता, आर्थिक सबलता पर आक्रमण और हमला कर दिया है।”
उन्होंने कहा, ”सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आह्वान पर 25 तारीख तक हर जिले के अंदर और हर प्रांत के अंदर एक व्यापक आंदोलन का आगाज हमने किया था। 60 प्रतिशत मुल्क में यह आंदोलन संपूर्ण हो चुका है और आज की बैठक में निर्णय किया गया कि 40 प्रतिशत जहां बचा है, वहां भी ये संपूर्ण हो जाएगा। इस सारे आंदोलन समापन 30 नवंबर को ‘भारत बचाओ’ रैली के माध्यम से होगा।”