पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या समेत 120 से अधिक मामलों का आरोपी कट्टर माओवादी कुंदन पाहन ने झारखंड की तामाड़ (अनुसूचित जनजाति) सीट से पुलिस अभिरक्षा में अपना नामांकन दाखिल किया। माओवादी को पुलिस अभिरक्षा में बुंडू ले जाया गया। जहां पाहन ने तमाड़ सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया।
इस मौके पर पाहन ने कहा कि झारखंड के लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया है। इससे पूर्व 11 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पाहन को विधानसभा चुनाव लडऩे की अनुमति दी थी। एजेंसी के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत ने पाहन को अपना नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी थी।
वहीं, एक नाटकीय घटनाक्रम में झारखंड पार्टी ने पाहन को तमाड़ सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जिसे 24 घंटे से भी कम समय में वापस ले लिया गया। बाद में पार्टी अध्यक्ष एनोस एक्का ने बाद में साफ किया कि भ्रम की स्थिति में पाहन को टिकट दिया गया था, जिसे पार्टी की केंद्रीय समिति ने वापस लेने का फैसला किया है। दिलचस्प बात यह है कि कुंदन पाहन तमाड़ सीट पर राजा पीटर के खिलाफ चुनावी मैदान में है, जो (राजा पीटर) स्वयं भी जेल में है। 09 अगस्त, 2017 से गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर तमाड़ विधायक की हत्या के मामले में जेल में हैं। इनके अलावा तमाड़ सीट पर जो प्रत्याशी मैदान में हैं, उनमें वर्तमान विधायक विकास सिंह मुंडा (झामुमो) और प्रकाश चंद्र उरांव शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि माओवादी कुंदन पाहन ने 14 मई, 2017 को राज्य पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। पाहन पर सांसद सुनील महतो, पूर्व मंत्री और विधायक रमेश सिंह मुंडा, बुंडू के पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद कुमार समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और विशेष शाखा के निरीक्षक फ्रांसिस इदेवर की हत्या का आरोप है। पाहन ने तब सुर्खिया बटोरी थी जब उसने 21 मई 2008 को रांची-टाटा रोड पर एक निजी बैंक की कैश वैन से 5 करोड़ रुपये और एक किलोग्राम से अधिक सोना लूटा था। पाहन के खिलाफ केवल खूंटी जिले के अलग-अलग पुलिस थानों में 50 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उसके खिलाफ रांची में 42, चाईबासा में 27, सरायकेला में 7 और गुमला में एक मामला दर्ज है।