करीम लाला से इंदिरा गांधी की मुलाकात वाले बयान देने के बाद संजय राउत ने अपना बयान वापस ले लिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये करीम लाला कौन है, और इंदिरा गांधी का नाम उनसे क्यों जोड़ा गया। चलिए आपको बता ते हैं करीम लाला के बारे में।
करीम लाला एक अंडरवर्ल्ड डॉन था। उसका असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था और वह पठान गैंग का सरगना था। उन्हें पश्तून समुदाय का आखिरी राजा भी कहा जाता है। करीम का जन्म 1911 में अफगानिस्तान में कुनार प्रांत के संपन्न कारोबारी परिवार में हुआ था। वह 21 साल की उम्र में अफगानिस्तान से भारत आया था।
कहा जाता है कि करीम ने दाऊद इब्राहिम को मुंबई की सड़कों पर गिरा-गिराकर पीटा था। यही नहीं उसने 1981 में दाऊद के भाई शब्बीर को मरवा दिया था। शब्बीर की मौत के ठीक पांच साल बाद 1986 में दाऊद के गुर्गों ने करीम लाला के भाई रहीम खान को मार डाला था वह माफिया डॉन मिर्जा हाजी मस्तान का खास दोस्त था। 90 साल की उम्र में 19 फरवरी 2002 को मुंबई में ही करीम लाला की मौत हो गई थी।
जिस वक्त अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पैदा नहीं हुआ था उस वक्त करीम लाला मुंबई पर राज करता था। 50 के दशक में करीम का एकछत्र राज हुआ करता था। शुरुआती दिनों में उसने मुंबई में एक किराए का मकान लेकर वहां जूए का अड्डा खोला था। इसमें शहर के नामी-गिरामी लोग जूआ खेलने आते थे। अथाह दौलत आने पर करीम ने मुंबई में शराब और जूए के अड्डे खोल दिए। करीम की छवि गरीबों के बीच रॉबिनहुड की तरह थी।