रायपुर। छत्तीसगढ़ धान खरीदी मामले में देश के अग्रणी राज्यों में है.. व्यवस्था सुचारू ढंग से संचालित होने के कारण खरीदी केन्द्रों में धान बेचने वाले किसानों को किसी भी तरह की समस्या नहीं हो रही है..भूपेश सरकार की नीतियों का ही नतीजा है कि प्रदेश में अबतक 84 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की धान खरीदी हो चुकी है..जो पिछले 20 साल में सबसे ज्यादा है..धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों में लगभग 85 फीसदी ने अपना धान बेचकर भुगतान भी प्राप्त कर लिया है।
2018 में सत्ता में आने के बाद भूपेश सरकार ने अपनी पहली प्राथमिकता में किसान को रखा है। सीएम भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों का ही नतीजा है कि दो साल के कार्यकाल में धान का बंपर उत्पादन हुआ..वहीं धान की खेती करने वाले किसानों की संख्या में रिकॉर्ड चार लाख से ज्यादा की वृद्धि हुई.. किसानों को धान बेचने में परेशानी ना हो..इसका ख्याल भी सरकार ने रखा..धान खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ाई..तो दो केन्द्रों के बीच की दूरी भी कम की..खरीदी केन्द्रों से संग्रहण केन्द्र तक धान परिवहन समय पर किया गया..वहीं बारदाने की कमी को दूर करने राज्य़ सरकार ने अपने संसाधनों से पीडीएस और प्लास्टिक बारदाने की व्यवस्था की। धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी है..अब तक 20 लाख से ज्यादा किसानों ने 84 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की धान बेची है..यानी भूपेश सरकार अपने पिछले रिकार्ड को ही तोड़ते हुए इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा करने जा रही है…
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए 50 दिन से ज्यादा दिन हो गए हैं…खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिलों के दौरे कर इसकी जानकारी ले रहे हैं.. सीएम अब तक आधा दर्जन से ज्यादा धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर चुके हैं. किसानों का कहना है कि राज्य सरकार किसानों के दर्द को समझती है। इसलिए उसने हरसंभव कदम उठाया..जिससे किसानों का एक दाना धान खराब नहीं हुआ..वहीं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि छत्तीसगढ़ देश की पहली सरकार है जो धान का दाम 25 सौ रु दे रही है..हमने किसानों से किया वादा पूरे किए हैं..जिसके काऱण किसान राज्य की भूपेश सरकार के साथ हैं।
निश्चित रुप से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार धान खरीदी केन्द्रों में बेहतर व्यवस्था कर लक्ष्य के करीब पहुंच गई है..सरकार अब इन किसानों को धान एमएसपी की अंतर राशि आगामी माह ‘राजीव गांधी न्याय योजना’ के माध्यम से देने वाली है..इससे एक बार फिर राज्य के किसानों के चेहरे पर खुशी आएगी तो वहीं बाजार में उछाल देखने को मिलेगा।