टी20 सीरीज (India vs England) के पहले तीन मैच के परिणाम ने सभी का ध्यान खींचा है. सभी मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते हैं. इतना ही नहीं, हर मैच में टॉस जीतने वाली टीम ने पहले फील्डिंग चुनी. इसके बाद से यह कहा जाने लगा कि भारत (India) में मैच शाम को शुरू होते हैं. इस कारण दूसरी पारी में ओस पड़ती है और लक्ष्य का पीछा करना आसान होता है. हमने इस धारणा का सच जानने के लिए आठ देशों में हुए पिछले 15-15 मैचों का विश्लेषण किया. इसका नतीजा साफ है कि सिर्फ भारत में नहीं बल्कि टॉप-8 में से 7 देशों में लक्ष्य का पीछा करना आसान हैं. दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर अन्य सभी 7 देशों में 53 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते हैं.
बड़ा सवाल- आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद के टीम इंडिया (Team India, India vs England) के प्रदर्शन को देखें तो एक बात स्पष्ट है. टी20 में 180 का स्कोर ठीक माना जाता है. टी20 वर्ल्ड कप के बाद से टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 13 मैच में 180 या उससे से अधिक का स्कोर बनाया है. इनमें से 10 में जीत मिली है और टीम ने सिर्फ 3 मैच गंवाए हैं. यानी टीम ने 77 फीसदी मुकाबले जीते हैं. वहीं टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 22 मैच में 180 से कम का स्कोर का स्कोर बनाया है और सिर्फ 10 में जीत मिली है और 12 में हार. यानी सिर्फ 45 फीसदी मैच ही टीम इंडिया जीत सकी. मौजूदा सीरीज के पहले तीन मैच की बात करें तो कोई भी टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 180 रन का आंकड़ा नहीं छू सकी. टीम इंडिया ने पहले मैच में 124 और तीसरे मैच में 156 रन बनाए और हार गई. इंग्लैंड ने दूसरे मैच में 164 रन बनाए और वह भी हार गया.
बड़ा स्कोर बनाने का दबाव नहीं झेल पाती टीमें
भारत और इंग्लैंड (India vs England 2021) के बीच अब तक खेले गए तीन टी20 मैच का औसत स्कोर 148 रहा. कम से कम बैटिंग ट्रैक में इसे बिलकुल भी अच्छा नहीं कहा जा सकता. भारत में टी20 मैच में पार स्कोर 165-170 को माना जाता है. लेकिन अक्सर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम पर बड़ा स्कोर खड़ा करने का दबाव होता है और इस कारण टीमें जल्द विकेट खो देती हैं. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दो मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी की और ऐसा ही हुआ. हमने पहले ही 6 ओवर में टॉप-3 बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए.
पिच पूरी दुनिया में बल्लेबाजों के अनुकूल
टी20 की पिच की बात करें तो यह पूरी दुनिया में एक जैसी होती हैं. मैच अमूमन शाम को खेले जाते हैं. ऐसे में सुबह की ओस की संभावना खत्म हो जाती है. इसके अलावा फैंस को देखते हुए अब फ्लैट ट्रैक ही बनाए जाते हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी अब 200 रन बन रहे हैं और टीमें लक्ष्य को हासिल भी कर रही हैं. सभी बड़े देश में टी20 लीग भी हो रही हैं. इस कारण खिलाड़ी भी पिच के मिजाज को समझने लगे हैं. कई देशों में तो बाउंड्री की साइज को भी कम कर दिया जाता है.
6 देशों में 60% है सक्सेज रेट
हमने टी20 फॉर्मेट के टॉप-8 देश यानी भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और विंडीज में खेले गए अंतिम 15 मैच के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. इसमें पाया गया कि भारत में लक्ष्य का पीछा करना सबसे आसान है. यहां पिछले 15 में से 12 मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते हैं. यानी 80 फीसदी. वहीं दक्षिण अफ्रीका में सबसे कम 5 मैच में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीत मिली है. यानी सिर्फ 33%. बाकी अन्य देशों में यह आंकड़ा 50% के ऊपर है. विंडीज और श्रीलंका में 73% मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते हैं. वहीं यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में 60% का है. वहीं पाकिस्तान में लक्ष्य का पीछा करते हुए 53% मैच में जीत मिली है.
विंडीज में पहली पारी का औसत सबसे कम
टॉप-8 देशों में हुए पिछले 15 मैच का रिकॉर्ड देखें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए सबसे कम औसत रन विंडीज में बने हैं. यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने औसतन हर मैच में 153 रन बनाए हैं. पाकिस्तान और श्रीलंका में 161 रन, न्यूजीलैंड में 164 रन, भारत में 165 रन, ऑस्ट्रेलिया में 170, दक्षिण अफ्रीका में 185 जबकि इंग्लैंड में सबसे ज्यादा 187 रन बने. यानी आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड में भले ही पहली पारी में सबसे अधिक रन बने हों लेकिन वे चेज भी हुए हैं. यानी पिच बल्लेबाजों के अनुकूल है.
भारत ने अंतिम 15 में से 10 मैच में पहले बैटिंग की, 7 हारी
टीम इंडिया के घर में खेले पिछले 15 मैच के रिकॉर्ड को देखें तो टीम को 10 मैच में पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिला है. सात में टीम को हार मिली है जबकि 3 मुकाबले टीम ने जीते हैं. टीम ने ये मुकाबले कमजोर मानी जाने वाली बांग्लादेश, श्रीलंका और विंडीज से जीते हैं. वहीं हमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने दो-दो बार जबकि बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और विंडीज ने एक-एक मैच में हार मिली है. टीम इस दौरान सिर्फ तीन बार 180 से अधिक का आंकड़ा छू सकी है. 4 बार तो 150 रन के आंकड़े तक भी टीम इंडिया नहीं पहुंच सकी.
पहली पारी में 180 रन जीत की गारंटी
2016 में हुए अंतिम टी20 वर्ल्ड कप के बाद यानी 4 अप्रैल 2016 से अब तक के रिकॉर्ड को देखें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए 180 या उससे अधिक का स्कोर जीत की गांरती देता है. भारत ने जहां 77 फीसदी मैच जीते हैं तो न्यूजीलैंड ने 14 में से 12 यानी 86 फीसदी मुकाबलों में जीत दर्ज की है. पाकिस्तान ने 12 में से 11, ऑस्ट्रेलिया ने 10 में से 8, दक्षिण अफ्रीका ने 9 में से 7, इंग्लैंड ने 8 में से 7, विंडीज ने 7 में से 4 और श्रीलंका ने 3 में से 2 मुकाबले जीते हैं.
कोहली भी हैं दूसरी पारी के शेर
कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को रन मशीन कहा जाता है, लेकिन पहले बल्लेबाजी करते हुए वे भी फेल रहे हैं. 2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पहले बल्लेबाजी करने वाले मैच में कोहली 24 पारियों में 30 की औसत से सिर्फ 596 रन बना सके हैं. तीन अर्धशतक भी लगाए. स्ट्राइक रेट 145 का रहा. इसी दौरान लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने 18 पारियों में 76 की औसत से 841 रन बनाए हैं. 8 बार अर्धशतकीय पारी खेली है. स्ट्राइक रेट 142 का रहा. उनके स्ट्राइक रेट को देखें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए यह ज्यादा है. यानी वे पहली पारी के दौरान तेजी से रन बनाने की कोशिश करते हैं और इस कारण आउट भी होते हैं.