पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Election ) में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की. तृणमूल की इस जीत की आंधी में भारतीय जनता पार्टी के कई स्टार कैंडिडेट्स तक को हार का सामना करना पड़ा. इसमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पूर्व राज्यसभा सांसद, समेत कई फिल्मी सितारे भी शामिल हैं जो खुद इस तूफान में संभाल कर नहीं रख पाए.
सबसे बड़ी हार बाबुल सुप्रियो की हुई है. कोलकाता की टॉलीगंज सीट से टीएमसी उम्मीदवार अरुप विश्वास के मुकाबले सुप्रियो 50,000 वोटों से हारे. वहीं हुगली से सांसद व पूर्व अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी को अभी अपने ही संसदीय क्षेत्र के तह
आने वाली चुंचुड़ा सीट से हार का सामना करना पड़ा. चटर्जी को टीएमसी उम्मीदवार ने 18 हजार से ज्यादा मतों से हराया. हुगली की तारकेश्वर सीट से पूर्व राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता सात हजार वोटों से हारे. भाजपा ने जिन सांसदों को टिकट दिया था, उसमें से सिर्फ सांसद जगन्नाथ सरकार, शांतिपुर सीट से जीत पाए हैं.
सेना के पूर्व डिप्टी चीफ तक हारे
BJP के टिकट पर पूर्व मेदिनीपुर की मोयना सीट से पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक डिंडा भी नौ हजार से ज्यादा वोटों से हार गए. कोलकाता की रासबिहारी सीट पर बीजेपी के टिकट पर खड़े पूर्व सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (रिटायर्ड) भी 21 हजार से ज्यादा वोटों से हारे.
इसके साथ ही बेहला पश्चिम सीट पर TMC के पार्थ चटर्जी ने अभिनेत्री श्रवंती चटर्जी को 41,608 वोटों से हराया. बेहला पूर्व सीट पर रत्ना चटर्जी से अभिनेत्री पायल सरकार भी हार गईं. अभिनेता रूद्रनील भी 28 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए.
ममता भी हार गईं नंदीग्राम
इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे अब भाजपा के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से हार गईं. तृणमूल कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती करने की मांग की है. निर्वाचन आयोग ने बताया कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए हैं. आयोग ने पुष्टि की है कि अधिकारी को 1,10,764 मत मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 1,08,808 मत पड़े.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं. हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही क्योंकि मीडिया के एक धड़े में अधिकारी पर ममता की जीत की खबर चलने लगी थी.