कोरोना काल और महामारी की वजह से बढ़ते आर्थिक संकट के बावजूद इस साल कंपनियों द्वारा लगातार आईपीओ लाए जा रहे हैं. जोमैटो, एनएसडीएल और एनसीडीएक्स के आईपीओ आने वाले हैं. इस साल आने वाले आईपीओ ने पैसा जुटाने के मामले में पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल तक 28 आईपीओ मार्केट में आ चुके है. इन आईपीओ ने रिकॉर्ड 2.7 अरब डॉलर जुटाए हैं. यह रकम समान अवधि में पिछले साल की तुलना में 133 फीसदी अधिक है.
विलय और अधिग्रहण के सौदों में भी 8 फीसदी का उछाल
दूसरी ओर, कोविड के कहर के बावजूद इसी अवधि में विलय और अधिग्रहण (मर्जर एंड एक्वीजिशन यानी M&A) के सौदों में भी 8 फीसदी का उछाल आया है. ये 32.3 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. इस दौरान इक्विटी कैपिटल के 437 सौदे किए गए हैं.
प्राइवेट इक्विटी डील्स में आई तेजी
फाइनेंशियल मार्केट्स को दूसरा प्रोत्साहन प्राइवेट इक्विटी डील्स से मिला जहां इस अवधि में हुए सौदे 110 फीसदी बढ़कर 5.9 अरब डॉलर पर पहुंच गए. इस वर्ग में अप्रैल तक 93 सौदे किए गए.
सीमा पार सौदों की यदि बात की जाए तो यह 4 फीसदी बढ़कर 14.3 अरब डॉलर के रहे जिसमें 124 सौदे हुए हैं. वहीं, रणनीतिक सौदों में इस दौरान मामूली गिरावट रही और ये 3 फीसदी घटकर 26.4 अरब डॉलर पर रहे जिसमें 338 सौदे किए गए.
डेट पेपर्स में 27% गिरावट
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान इक्विटी पूंजी बाजार में 23 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जिसमें 62 इश्यू जारी किए गए और 8 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई गई. हालांकि, इस दौरान डेट पेपर्स के मामले में 27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
कुल मिलाकर पूंजी सौदों से जुड़ी गतिविधियों की यदि बात की जाए तो कोरोना वायरस की दूसरी लहर का इस पर ज्यादा प्रभाव नहीं दिखाई दिया.
1 जनवरी से 31 मार्च की अवधि में 97 सौदों में 17.4 फीसदी का इजाफा
1 जनवरी से 31 मार्च की अवधि में 97 सौदों में 17.4 फीसदी का इजाफा हुआ और ये बढ़कर 25.3 अरब डॉलर पर पहुंच गए. इसका मतलब यह हुआ कि अकेले अप्रैल में ही 7 अरब डॉलर के सौदे हुए हैं.
रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष की पहली तिमाही में सौदों की संख्या की यदि बात की जाए तो यह 20.5 फीसदी घटकर 122 से 97 सौदे रह गई. औषधि, प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट, उपभोक्ता और ऊर्जा क्षेत्र में मार्च तिमाही के दौरान गतिविधियां तेज रही.