नवीनतम अपडेट के अनुसार, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीएसई और आईसीएसई बोर्डों की कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है, जो आज होने वाली थी. अब कोर्ट में यह सुनवाई सोमवार को होगी. सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10 बजकर 30 मिनट से होने वाली थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली बेंच इस महामारी के बीच कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका में केंद्र, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) को सीबीएसई और आईसीएसई कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में, अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय से राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों को विशिष्ट समय सीमा के भीतर वस्तुनिष्ठ पद्धति के आधार पर कक्षा 12वीं के परिणाम घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
इसके साथ ही, लगभग 7000 अभिभावकों ने भी इस महामारी के बीच कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
हालांकि, सूत्रों के अनुसार सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने के संबंध में निर्णय 1 जून को घोषित होने की उम्मीद है. जैसा कि 23 मई को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिया गया था, राज्य सरकारें पहले ही 25 मई, 2021 तक अपने विस्तृत सुझाव प्रस्तुत कर चुकी हैं.
सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया गया था. केरल के एक शिक्षक टोनी जोसेफ ने अपने आवेदन में कहा कि परीक्षा रद्द करना छात्रों के साथ अन्याय होगा. उसमें कहा गया था कि कक्षा 12वीं की परीक्षा एक छात्र के जीवन का एक अभिन्न अंग है और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण है.
इस सप्ताह की शुरुआत में लगभग 300 कक्षा 12वीं के छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना को एक पत्र भेजा था, जिसमें COVID-19 महामारी के बीच ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के फैसले को रद्द करने के लिए कहा गया था. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की है