कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड मंगलवार को दो साल में पहली बार 75 डॉलर प्रति बैरल के लेवल तक पहुंचकर थोड़ा नीचे आया। भारत के लिए यह खास तौर पर चिंता की बात है, जहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर और डीजल इस लेवल के करीब पहुंच गया है। इस साल के आखिर तक कच्चा तेल 86 डॉलर तक जा सकता है।
ईरान से भारत को तेल मिलने की संभवना कम
दरअसल ईरान की सत्ता में कट्टरपंथी नेताओं की ताकत बढ़ने के बाद अब इस बात की संभावना कम रह गई है कि अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर समझौता बहाल हो पाएगा और ईरान को एक बार फिर कच्चा तेल निर्यात करने की अनुमति मिलेगी। ऐसे में तंग आपूर्ति की स्थिति बनी रहेगी।
इस बीच दुनियाभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर नियंत्रण में आने के चलते मांग बढ़ने से कच्चे तेल में उबाल आ गया है। हालांकि अगले हफ्ते क्रूड मार्केट का रुझान कमजोर पड़ सकता है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और सहयोगी देश रूस ने कहा है कि समूह अगले हफ्ते की बैठक में उत्पादन बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार करेगा।
ईरान से कच्चा तेल खरीदना हमारे लिए फायदेमंद
ईरान के कच्चे तेल से कई फायदे हैं। इसमें ट्रैवेल रूट छोटा है और इससे माल ढुलाई सस्ती पड़ती है। इतना ही नहीं ये रुपयों में भारत को कच्चा तेल देता है जबकि बाकि देश डॉलर में कच्चे तेल का व्यापर करते हैं। ऐसे में डॉलर के महंगे होने से भारत को कच्चे तेल के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। ऐसे में ईरान से कच्चा तेल खरीदना हमारे लिए फायदेमंद रहता है।
साल के आखिर तक 86 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि अक्टूबर 2018 में कच्चा तेल 86 डॉलर तक पहुंच गया था। 3 साल बार एक बार फिर वैसा ही ट्रेंड बनता दिख रहा है। ऐसे में इस साल के आखिर कच्चा तेल एक बार फिर 86 डॉलर तक जा सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
2022 तक 100 डॉलर तक जा सकती है कच्चे तेल की कीमत
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस बैंक ऑफ अमेरिका ने एक रिसर्च नोट जारी किया है। उसने इस नोट में कहा है कि ब्रेंट क्रूड की कीमतें इस साल और अगले साल में ऊपर रहेंगी। यह तेल की सप्लाई और मांग के आधार पर बढ़ेंगी। इससे 2022 में कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार हो जाएंगी। नोट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि वैश्विक स्तर पर तेल की जबरदस्त मांग से रिकवरी होगी। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के महंगे दामों से राहत मिलने की संभवना नहीं है। अभी कच्चा तेल 75 डॉलर पर है।
क्यों महंगा हो रहा कच्चा तेल?
अजय केडिया कहते हैं कि दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में लगातार गिरावट और वैक्सीनेशन की बढ़ती रफ्तार से आर्थिक गतिविधियां खुली हैं। इससे फ्यूल डिमांड तेजी से बढ़ रही है। नतीजतन, कच्चे तेल की कीमत आसमान छू रही है। यूएस फेड द्वारा जल्द ब्याज दरें बढ़ाए जाने के संकेत से डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है इससे रुपया में कमजोर हुआ है। हम अपनी कुल जरूरतों का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करते हैं और इसे खरीदने के लिए हमें डॉलर में पेमेंट करना होता है। ऐसे में रुपए के कमजोर होने से कच्चे तेल का खर्च बढ़ रहा है।
14 राज्यों में पेट्रोल 100 के पार निकला
देश के 14 राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल 100 रुपए पर पहुंचा गया है। वहीं बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, मणिपुर, उड़ीसा, चंडीगढ़, तमिलनाडु और लद्दाख में भी कई जगहों पर पेट्रोल 100 रुपए लीटर के पार निकल गया है।
इस साल अब तक पेट्रोल 13.53 और डीजल 14.11 रुपए महंगा हुआ
इस साल 1 जनवरी को पेट्रोल 83.97 और डीजल 74.12 पर था, जो अब 97.50 और 88.23 रुपए प्रति लीटर पर है। यानी 6 महीने से भी कम में पेट्रोल 13.53 और डीजल 14.11 रुपए महंगा हुआ है। जून में पेट्रोल 3 रुपए 27 पैसे और डीजल 3 रुपए 08 पैसे महंगा हो चुका है। इससे पहले मई महीने की बात करें तो इसमें पेट्रोल-डीजल की कीमत में 16 बार इजाफा हुआ। इस दौरान पेट्रोल 4.11 और डीजल 4.69 रुपए महंगा हुआ है।