अफगानिस्तान (Afghanistan) और तालिबान (Taliban) के बीच चल रही जंग को लेकर दुनियाभर के देशों में डर बना हुआ है. तालिबान की ओर से लगातार जारी हमलों के बाद अब अफगानिस्तान में नागरिक संकट खड़ा हो गया है. अफगानिस्तान में बिगड़े हालात के बीच भारत (India) में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 30 जवानों ने अपनी तैनाती दोबारा अफगानिस्तान में कराए जाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की है. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने आईटीबीपी के इन जवानों को याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने जवानों की इस याचिका पर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात हैं, उसे देखने के बाद कोई वहां कैसे जाने की इजाजत मांग सकता है.
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता आईटीबीपी जैसे सशस्त्र बल के रूप में भारत में कहीं भी तैनात किए जा सकते हैं. उनके पास अफगानिस्तान में तैनात होने का कोई निहित अधिकार नहीं है. बता दें कि आईटीबीपी के जिन जवानों ने याचिका दायर की है उन सभी को अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास में सुरक्षा सहायक के रूप में तैनात किया गया था.
अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाकों की ओर से हमले तेज होने के बाद उन्हें वापस भारत भेज दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि वे अफगानिस्तान में दो साल के प्रवास के हकदार थे, लेकिन दस महीने के बाद ही उन्हें वापस भारत बुला लिया गया है.
अपनी याचिका में, उन्होंने कहा है कि काबुल में भारतीय दूतावास में आने वाले बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जवानों की जरूरत है, इसलिए उन्हें वहां जाने दिया जाए. बता दें कि आईटीबीपी की एक यूनिट अभी भी अफगानिस्तान में भारत के दूतावास और कंधार में वाणिज्य दूतावास की सूरक्षा में तैनात है.