मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों पर सरकार आर्थिक बोझ बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है. ग्रामीणों से भी शहरों की तर्ज पर संपत्ति कर, जल कर (Water Tax), स्ट्रीट लाइन कर अब वसूला जा रहा है. इसके तहत पंचायत स्तर पर हाउस होल्डरों और कारोबारियों के ग्राम पंचायतों में खाते खोले जा रहे हैं. वर्तमान में लगभग 7 लाख लोगों और 1900 संस्थाओं के खाते खोले गए हैं. इन खाते धारकों से 277.59 लाख रुपये वसूले भी गए हैं. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा खातेधारक उज्जैन, नरसिंहपुर और बैतूल जिले में हैं.
दरअसल सरकार द्वारा कहा गया है कि पंचायतें अपनी आय बढ़ाएं. इसके साथ ही पंचायतों को तमाम तरह के टैक्स वसूलने के भी अधिकार दिए गए हैं. इसके चलते ग्राम पंचायतों ने अपने क्षेत्र में माकान, दुकान, मेला-बाजार से टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिए हैं. वही जिन माकान मालिकों के खाते नहीं खोले गए हैं, उनके खाते भी खोले जा रहे हैं, जिससे कि उनसे संपत्ति कर सहित अन्य कर वसूला जा सके. इसके अलावा तहबाजारी भी वसूल की जा रही है. तहबाजारी की राशि का निर्धारण और वसूलने का काम ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर किया जाता है.
बिल्डिंग परमिशन लेना जरूरी
गांवों में माकान बनाने के लिए भवन अनुज्ञा भी जरूरी कर दिया गया. इसे अब धीरे-धीरे सख्ती से पालन कराया जा रहा है. सरकार का फोकस उन गांवों की तरफ ज्यादा है, जो शहरों के आस पास हैं. इन गांवों में बिना भवन अनुज्ञा के माकान, कालोनी तैयार करने पर कालोनाइजर और मकान मालिक पर कार्रवाई भी की जाएगी. हालांकि प्रदेश में करीब 291 आवेदन करने वालों से 165140 रुपये वसूले गए हैं. वहीं अब गांवों में भी नगरीय निकायों की तर्ज पर तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, जिससे इन कामों को बारीकी से कर सकें.
स्वच्छता कर की भी वसूली
एमपी में स्वच्छता कर के नाम पर ग्रामीणों से 139.06 लाख रुपयों की वसूली की गई है. इसे मेला-बाजार और कस्बे के रूप में विकसित हुए ग्राम पंचायतों में सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं ग्रामीणों को स्वच्छता का वातावरण भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें घर-घर कचारा संग्रहण, सुबह झाडू, कचरा प्रबंधन से जुडे कार्य किए जाएंगे.
सबसे ज्यादा वॉटर टैक्स पर वसूली
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा जल कर की वसूली की जा रही है. एमपी जल जीवन मिशन और लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग के जरिए 40 लाख 56 हजार से अधिक घरों में नल कनेक्शन दिया गया है. 3236 ग्रामों में 100 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं. इन कनेक्शनधारियों से करीब 507.11 लाख रुपया वसूला गया है.