मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) तेजी से सक्रिय हुआ है. इंटेलिजेंस ने प्रदेश को इस संगठन से बड़ा खतरा बताया है. सिमी (SIMI) से कनेक्शन मिलने के बाद ये संगठन सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है. सरकार तमाम इनपुट और एविडेंस के आधार पर अब इस संगठन पर बैन लगाने की तैयारी में है.
सूत्रों के अनुसार, एक स्पेशल टीम इस पूरे मामले की जांच और उस पर नजर रख रही है. प्रदेश में PFI के 650 से ज्यादा सदस्य सक्रिय हैं. यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस संगठन को लेकर जब जांच की गई तो पता चला कि इसके SIMI से भी कनेक्शन हैं. इस संगठन का इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम समेत प्रदेश में नेटवर्क फैला है.
इसलिए रडार पर PFI
दरअसल, PFI चूड़ी वाली घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया. इसके बाद से इस संगठन पर नजर और पैनी कर दी गई. सूत्रों ने बताया कि PFI की देश विरोधी गतिविधियों के इनपुट भी सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं. इन्हीं गतिविधियों की वजह से झारखंड और केरल में इस पर प्रतिबंध लगाया गया था. यूपी में भी इसकी देश विरोधी गतिविधियां उजागर हुई थीं. इंटेलिजेंस इनपुट के बाद अब सरकार एमपी में भी पीएफआई को बैन करने की तैयारी में है.
गृह मंत्री ने कही थी कुचलने की बात
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चाहे सिमी हो या तालिबानी सोच, जो भी मप्र में सक्रिय होगा उसे कुचल दिया जाएगा. इससे पहले पुलिस मुख्यालय में एक मीटिंग में भी गृह मंत्री ने कहा था कि मध्य प्रदेश में तमाम देश विरोधी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. सोशल मीडिया पर कई सबूत भी मिले हैं. चूड़ी वाली घटना के बाद गिरफ्तार हुए अल्तमस खान के तालिबान और पाकिस्तान से कनेक्शन के एविडेंस भी मिले थे.
ऐसे पैर पसार रहा संगठन
इस संगठन की कई अलग-अलग शाखाएं हैं. महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट (NWF – National Women’s Front)और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI Campus Front of India) हैं. सूत्रों के अनुसार इन संगठनों के जरिये भी देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है.