भाजपा के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. सुप्रियो ने अपने प्रति विश्वास व्यक्त करने के लिए पूर्व पार्टी भाजपा का आभार प्रकट किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने संवाददताओं ने कहा, ‘‘मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरू किया था. मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझमें विश्वास दिखाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी. मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए.’’
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार के सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के दो दिन बाद 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वो सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें. बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वो इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.
31 जुलाई को ही कर दी थी इस्तीफा देने की घोषणा
बता दें केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में मंत्री पद से हटाये जाने के कुछ दिनों बाद 31 जुलाई को पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रहे बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है और वह एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे.
सुप्रियो ने संकेत दिया कि यह निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण लिया है. इसके कुछ ही दिन बाद 18 सितंबर को बाबुल सुप्रियो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
सुप्रियो ने इस महीने की शुरुआत में ही अपना इस्तीफा सौंपने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा था हालांकि उस समय उन्होंने यह दावा किया था कि बिरला की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.