चीन (China) के साथ तनाव के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 15 हजार फीट ऊंचे पहाड़ी स्थान पर भारतीय सेना (Indian Army) के जवान युद्ध का अभ्यास कर रहे हैं. सैन्य भाषा में कहें, तो इस पहाड़ी क्षेत्र को इंटीग्रेटेड डिफेंडेड लोकेलिटी कहा जाता है (IDL). 9 अक्टूबर की सुबह यहां तापमान -5 डिग्री सेल्सियस पर है और अगले दो महीनों में पारा -25 डिग्री सेल्सियस पर होगा. युद्ध कौशल को बेहतर करने के लिहाज से की जा रही है इन गतिविधियों में सैनिक जंग की स्थिति तैयार करते हैं और रणभूमि की तरह ही प्रतिक्रिया देते हैं.
IDL, भारतीय सेना के रक्षा क्षेत्रों का एक कॉम्बिनेशन है, जिसमें गहरी खाई और पत्थरों के बंकर शामिल हैं. ऐसे प्रत्येक स्थान पर भारतीय सेना की एक कंपनी या 120 जवान तैनात रहते हैं. जवानों का यह युद्ध अभ्यास प्लान 190 के प्रदर्शन का हिस्सा है. इसके तहत सैनिक शरीर को तैयार करने के लिए कठिन और कठोर एक्सरसाइज, अभ्यास और बगैर हथियारों के लड़ने की तकनीक का प्रशिक्षण लेते हैं. LAC के पास मौजूद जवान प्रतिदिन हर तीन घंटे में यह अभ्यास करत हैं. इससे पहले वे 10 मिनट योग और ध्यान करते हैं.
तवांग ब्रिगेट कमांडर ब्रिगेडियर विजय जगताप का कहना है, ‘यह उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ्, मानसिक तौर पर सतर्क रखता है और ऐसे मुश्किल मौसम में ऊंचाई पर युद्ध का सामना करने में मदद करता है.’ जिस पहाड़ पर सैनिकों का अभ्यास जारी है, वह बम ला से महज 10 मिनट की दूरी पर है. बुम ला में भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर बैठकें आयोजित करते हैं. अकेले तवांग सेक्टर में ही एक दर्जन से ज्यादा ऐसे रक्षा क्षेत्र हैं.