मुख्यमंत्री योगी के आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है. इसी कड़ी में गौतमबुद्धनगर के वाणिज्य कर विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) में तैनात रहने के दौरान एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 धमेंद्र सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर दिनेश दुबे, डिप्टी कमिश्नर मिथिलेश मिश्रा और असिस्टेंट कमिश्नर सोनिया श्रीवास्तव को निलंबित किया गया है. सीएम योगी के आदेश के बाद निलंबन पर मुहर लगी है.
बता दें किसीएम योगी ने इस पूरे मामलेकी जांच का आदेश दिया था. जांच टीम गठित की गई. एडिशनल कमिश्नर सीबी सिंह ने पूरे मामले की जांच की. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपी है. रिपोर्ट में की गई अनुशंसा के आधार पर कार्रवाई की गई है. वहीं, इस मामले में जांच का आदेश देने वाले अधिकारी ने खुद के निलंबन को अब गलत बताया है. भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक (DSP) विद्या किशोर को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया.
रामपुर में क्षेत्राधिकारी (CO) के पद पर तैनाती के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. वर्तमान में वह पीटीसी सीतापुर में डीएसपी के पद पर तैनात हैं. रामपुर में सीओ नगर के पद पर तैनाती के दौरान विद्या किशोर का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनके द्वारा कथित तौर पर 5 लाख रुपये रिश्वत मांगे जाने की बात सामने आई थी. इसके बाद उन्हें 28 अक्तूबर को हटा दिया गया था.
एसएसपी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांगी अनुमति
उधर, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने शासन से प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है. भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित चल रहे दीक्षित को भ्रष्टाचार समेत अन्य मामलों में दोषी पाया गया है. दीक्षित तमिलनाडु कैडर के आईपीएस हैं और प्रति नियुक्ति पर यूपी में तैनात हैं.