सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत की योजना 2030 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की है जो अपनी तरह का अनोखा अंतरिक्ष स्टेशन होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2023 तक भारत की, गगनयान भेजने की योजना है और उसके पहले दो मानव रहित मिशन भेजे जाएंगे. उन्होंने इनके रोबोटिक मिशन होने का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें से एक मिशन अगले साल की शुरूआत में भेजा जाएगा और दूसरे मिशन को साल के अंत तक भेजे जाने की योजना है.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि गगनयान की सफलता के साथ ही भारत, अमेरिका, चीन और रूस की विशिष्ट श्रेणी में शामिल होकर चौथा देश बन जाएगा और अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व में अग्रिम पंक्ति के देशों में शुमार हो जाएगा. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि गगनयान के साथ ही शुक्र मिशन, सौर मिशन (आदित्य) और चंद्रयान के लिए भी काम जारी है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की वजह से विभिन्न मिशन में देरी हुयी और चंद्रयान के अगले साल भेजे जाने की योजना है.
सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अनुमोदित प्रथम मानवसहित अंतरिक्ष कार्यक्रम का नाम गगनयान कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम का मकसद भारतीय प्रक्षेपक रॉकेट द्वारा मानव को निम्न भू कक्षा (एलईओ) में भेजने और उनको सुरक्षित धरती पर वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करना है. उन्होंने कहा कि इसरो ने अब तक 34 देशों के 42 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है. इससे देश को 5.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा मिली है.