Cryptocurrency Bill : क्रिप्टोकरेंसी बिल पर एक बड़ी खबर आ रही है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रस्तावित फ्रेमवर्क पर विचार कर रही है. इसका मतलब ये समझा जा रहा है कि संसद के इस शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) में संभवत: ये बिल पेश नहीं किया जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जिन मुद्दों पर बहस चल रही है, उनमें व्यापक परामर्श (wider consultation) की जरूरत और जनता से टिप्पणियां प्राप्त करने की आवश्यकता भी शामिल है. इसी के साथ ही इस पर भी बहस की जरूरत है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा पेश किए जाने वाले सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को इस बिल का हिस्सा बनाया जाना चाहिए या इसे RBI एक्ट के तहत हैंडल किया जाए.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन सुनिश्चित करने की कवायद
इकॉनोमिक्स टाइमस की एक खबर के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि उच्चतम स्तरों पर कई दौर की चर्चाओं के बाद यह महसूस किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा कानून वैश्विक ढांचे (Global framework) के अनुरूप होना चाहिए, जो कि अभी भी विकसित हो रहा है. इसके अलावा, यह भी महसूस किया गया था कि सरकार मौजूदा कानूनों और विनियमों पर विचार कर सकती है, ताकि उपभोक्ता संरक्षण (Consumer protection) सुनिश्चित किया जा सके और इस बीच क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर कर लगाया जा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) द्वारा होस्ट की गई लोकतंत्र के लिए समिट में सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी के लिए वैश्विक मानदंडों को आकार देने के लिए एकजुट प्रयासों का आह्वान किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका उपयोग लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जाए न कि इसे कमजोर करने के लिए.