मध्यप्रदेश में फिर पूर्व सरपंच पावरफुल हो गए हैं. सरकार ने सभी प्रधानों को प्रशासकीय अधिकार देने का ऐलान कर दिया है. इन्हें पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर वित्तीय अधिकार मिल गए हैं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रशासकीय समिति और प्रधानों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. उसी में उन्होंने ये ऐलान किया. शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानों से कहा कि पंचायत चुनाव डिले हुए तो प्रशासकीय समिति बनाकर आपको दायित्व सौंपा था. लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं, इसलिए प्रशासकीय समिति के अध्यक्ष और सचिव बनाकर जिम्मेदारी सौंपी थी. पंचायत चुनाव जब होंगे, तब देखा जाएगा.
कोरोना से निपटने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासकीय पावर देने के साथ प्रधानों से कोरोना की इस तीसरी लहर की लड़ाई में आगे आने की अपील की और उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दीं. उन्होंने कहा हमें मैदान में उतरना है. पंचायत स्तर पर कोविड क्राइसिस कमेटी की जिम्मेदारी आपकी है.
सरकार से नाराजगी
कुछ दिन पहले सरकार ने इन पूर्व सरपंचों से वित्तीय अधिकार वापिस ले लिए थे. इसलिए वो सरकार से नाराज चल रहे थे. पूर्व सरपंचों ने सरकार से फिर से पावर दिए जाने की मांग की थी. इसी मांग के साथ बड़ी संख्या में पूर्व सरपंच बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे. संगठन के पदाधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की थी. सभी पूर्व सरपंच अधिकार छिनने पर सरकार से नाराज थे. लेकिन अब सरकार ने फिर से इन्हें सभी अधिकार दे दिए हैं. चुनाव से पहले सरकार ने इनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है. पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण पूर्व सरपंच समितियों के माध्यम से प्रशासनिक पावर का इस्तेमाल कर रहे थे. पूर्व सरपंचों का कहना था कि जब तक चुनाव नहीं हो जाते तब तक उन्हें यह पावर दिए जाएं.