हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के साथ सटे राज्य उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव (uttarakhand Assembly Elections) होने वाले हैं. ऐसे में भाजपा की जीत को लेकर पार्टी हाइकमान ने कमर कस ली है. राज्य के भीतर अंतर्कलह और बगावत की संभावना को देखते हुए बीजेपी हाईकमान ने हर विधानसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक (supervisor) तैनात किए हैं. देश के अन्य राज्यों से पार्टी ने पर्यवेक्षकों को तैनात किया है, जो विधानसभा क्षेत्र में की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे और अपनी रिपोर्ट पार्टी को देंगे. इसके साथ ही पर्यवेक्षक स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं की पैठ को लेकर भी अपना फीडबैक पार्टी को देंगे. एमसी शिमला के पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर समेत 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है और बीजेपी ने दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल जैसे राज्यों से पर्यवेक्षकों को राज्य में तैनात किया है. पार्टी हाईकमान ने हिमाचल से जहां बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है वहीं एमसी शिमला में भाजपा के पूर्व मेयर, डिप्टी मेयर और मौजूदा पार्षदों को भी जिम्मेदारी सौंपकर पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने बताया कि उन्हें भी रुद्रप्रयाग विधानसभा का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो पार्टी को मजबूत करवाने के लिए मेहनत करेंगे. उन्होंने बताया कि जानकारी के मुताबिक, राज्य में नियुक्त पर्यवेक्षकों की संख्या 150 के करीब है. उन्हें जिला प्रभारी और विधानसभा प्रभारियों के साथ तैनात किया गया है. संगठन के कामकाज के साथ-साथ इन पर्यवेक्षकों का मुख्य काम विधानसभा स्तर के नेताओं पर नजर रखना है.
यह संदेश भेजना चाहती है
असल में पार्टी इनके जरिए पार्टी विधानसभा स्तर के नेताओं को यह संदेश भेजना चाहती है कि उनकी हर गतिविधि की जानकारी पार्टी के पास है. उन्होंने बताया कि मिशन रिपीट के तहत राज्य में 70 सीटों में से 60 सीटों पर पार्टी विजय हासिल करेगी.
60 से ज्यादा सीटें जीतेगी पार्टी
पार्टी राज्य में सत्ता में है और उस पर फिर से सत्ता में वापसी का दबाव है. लिहाजा पार्टी हर दांव को अपना रही है. क्योंकि पार्टी को लग रहा है कि टिकट वितरण के बाद पार्टी में बगावत और विरोध हो सकता है. जिसका उसे सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा. बीजेपी ने इस बार राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर जीत का नारा दिया है. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव वह 57 विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं पार्टी जीत के लिए बूथ और पन्ना प्रधान को मजबूत कर रही है. वहीं, स्थानीय स्तर पर पार्टी की खामियों को दूर करने के लिए पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है.