वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) द्वारा मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022-23) के अनुसार, भारत और विदेशों में नौकरशाहों के प्रशिक्षण और आवश्यक बुनियादी ढांचे के संवर्धन के लिए अगले वित्त वर्ष के लिए कार्मिक मंत्रालय को 288 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा, 2022-23 के लिए “प्रशासनिक सुधार और पेंशनभोगी योजना” के तहत 44.25 करोड़ रुपये का परिव्यय किया गया है, जिसमें सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की योजना और प्रशासनिक सुधारों पर पायलट परियोजनाओं का प्रावधान शामिल है. जिसमें ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना, सुशासन को बढ़ावा देना, सफलता से सीखना, सेवोत्तम आदि शामिल हैं.
अगले वित्तीय वर्ष के लिए 288.14 करोड़ रुपये के कुल आवंटन में से 210.75 करोड़ रुपये मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) को उत्कृष्टता केंद्र, दिल्ली में – सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (ISTM) और राष्ट्रीय सिविल सेवा और क्षमता निर्माण कार्यक्रम – मिशन कर्मयोगी के तहत प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के लिये आवंटित किया गया है.
एलबीएसएनएए और आईएसटीएम भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों और सचिवालयी पदाधिकारियों के अन्य सभी स्तरों के लिए नवीनतम नियमों, विनियमों और योग्यता के साथ कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
2020 में कैबिनेट ने दी थी मिशन कर्मयोगी को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर 2020 में मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दी थी, जिसे सबसे बड़ी नौकरशाही सुधार पहल करार दिया गया था, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को “रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर और प्रौद्योगिकी-सक्षम” बनाने के लिए क्षमता निर्माण करना था.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के आईएसटीएम, एलबीएसएनएए और प्रशिक्षण प्रभाग के स्थापना-संबंधी व्यय को पूरा करने के लिए 2022-23 के लिए मंत्रालय को कुल 77.39 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं. मंत्रालय के पास इन उद्देश्यों के लिए 2021-22 के लिए 208.72 करोड़ रुपये का संशोधित बजट है.
अगले वित्त वर्ष के लिए “डीओपीटी के स्वायत्त निकायों” के तहत 399.20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इस प्रावधान में गृह कल्याण केंद्र, केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक और खेल बोर्ड और राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) को सहायता अनुदान शामिल है.