केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को आम बजट (Budget 2022-23) पेश किया. बजट में नॉन-एग्रीकल्चरल इमूवबल प्रॉपर्टी (Immovable Property) के ट्रांजैक्शन से जुड़े टीडीएस (TDS) के नियम में बदलाव किया गया है. नए नियम के मुताबिक, 50 लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू की नॉन-एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के ट्रांजैक्शन पर अब सेल प्राइस (Sale Price) या स्टैंप ड्यूटी वैल्यू (Stamp Duty Value) में से जो ज्यादा होगा, उसे 1 फीसदी टीडीएस के लिए आधार माना जाएगा.
1 अप्रैल 2022 से होगा प्रभावी
इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) में संशोधन का प्रस्ताव है. यह बदलाव इस साल 1 अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष से लागू हो जाएगा. नियम में बदलाव के बाद अगर ट्रांजैक्शन में स्टैंप ड्यूटी 50 लाख या इससे ज्यादा है और ट्रांजैक्शन की वैल्यू भले ही 50 लाख से कम है तो 1 फीसदी टीडीएस का पेमेंट करना होगा.
फिलहाल TDS के लिए प्रॉपर्टी की कीमत को माना जाता है आधार
अभी 50 लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू की नॉन-एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस का नियम है और इस 1 फीसदी टीडीएस के लिए प्रॉपर्टी की कीमत को आधार माना जाता है. टीडीएस का यह नियम सिर्फ 50 लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू के ट्रांजैक्शन पर लागू होता है.
प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन में रुकेगी टैक्स की चोरी
प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन में टैक्स की चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. अब प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति को विक्रेता को पेमेंट करते वक्त 1 फीसदी टीडीएस काटना होगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह बदलाव टैक्स चोरी रोकने में काफी कारगर होगा.
मुंबई स्थित टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने कहा, ‘‘इमूवबल प्रॉपर्टी की बिक्री पर टीडीएस मानदंडों में बदलाव से टैक्स चोरी को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि यह खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के फॉर्म 26AS में दिखाई देगा. अगर कोई मिसमैच होगा, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे मामले में अपराधी का पता लगा सकता है.’’