प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया।
इसमें वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल कोर्ट और S3WaaS वेबसाइट्स शामिल हैं। इसके जरिए देश की आम जनता के लिए न्यायिक व्यवस्था सरल हो जाएगी।
आज संविधान दिवस के मौके पर नई परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘1949 में यह आज का ही दिन था जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नीव डाली थी, इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।’
वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को ई-कोर्ट परियोजना सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सक्षम अदालतों के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने के लिए यह एक प्रयास है । यह परियोजना नागरिक केंद्रित सेवाओं को तत्काल और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरु की गई है । यह न्यायिक प्रक्रिया और उत्पादकता को दोनों – गुणात्मक और मात्रात्मक तरीके से बढ़ाने, और न्याय प्रणाली को सस्ती , सुलभ, किफायती और नागरिकों के लिए पारदर्शी बनाने में मदद करता है।
CCEA (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने साल 2007 के फरवरी में ही ई कोर्ट परियोजना को मंजूरी दे दी थी। इसका मकसद लोगों को निम्न सुविधाएं देना है-
इसके तहत लॉन्च किए गए वर्चुअल जस्टिस क्लाक अदालत स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें अदालत स्तर पर स्थापित मामलों, निपटाए गए मामलों और दिन, सप्ताह और महीने के आधार पर लंबित मामलों का विवरण दिया गया है। लोग किसी भी जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की आभासी न्याय घड़ी का उपयोग कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का लाइव स्ट्रीमिंग
हाल में ही शुरू हुए लाइव स्ट्रीमिंग के लिए अब सुप्रीम कोर्ट अपना प्लेटफार्म विकसित करने के प्रयास में जुटी हुई है। इसका एक्सेस याचिकाकर्ताओं, वकीलों जैसे प्रामाणिक व्यक्तियों के पास होगा। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच लाइव स्ट्रीमिंग के विभिन्न पहलुओं पर सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के लिए नियम होना चाहिए जो पूरे देश में लागू होगी।