उत्तर प्रदेशकेरामपुर (Rampur) में हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकरआजम खान (Azam Khan)ने चुनावी सभा को संबोधित किया.
इस दौरानआजम खान (Azam Khan)ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए अपना दर्द बयां किया उन्होंने कहा कि मैंने बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है, आधी सदी तक. सरकारें बहुत आई, लेकिन अमन था. हमें तो खबर ही नहीं थी कि सरकारों के ये काम भी है. दरवाजे तोड़ना. औरतों को थप्पड़ मारना. घसीट कर थाने में बंद कर देना. हमने ये सोचा था कि सासंद और मंत्री बन कर सड़क बनवाना है, जिनके पास घर नहीं है उनके लिए घर बनाना है.आज़म खान किसे डराते हो गली में फ्लैग मार्च से. हमें! हम तो वैसे ही डरे हुए हैं. हमारे हाथों से कलम छीन गए. हमारी मस्जिद और ईद-गाह वीरान हो गईं. मैं अपने बच्चें की उम्र साबित नहीं कर सका. उसने पैनकार्ड नहीं है. क्योंकि एक बनवाएं वो खारिज दो गया दूसरा बनवाएं वो भी खारिज हो गया. मैं भैंस का डकैत हूं. मुर्गी का डकैत हूं. मैं अपनी औलाद को अस्पताल में साबित नहीं कर सका. जन्म देने वाली मां अपनी औलाद को साबित न कर सकी. न सर्टिफिकेट साबित कर सके. सजा के मुहाने पर खड़े हैं.Rampur Bypoll: रामपुर का असली ‘आजम’ कौन?
आजम खानने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि, पुलिस यूनिवर्सिटी में पड़ी है, तिजोरी की तलाश में. अल्लाह इस भारत में लाखों ऐसे लोग दें जो भैंस डकैती करें, मुर्गी डकैती करें और किताब डकैती करें, लेकिन यूनिवर्सिटी बना दें.
उन्होंनेबीजेपी (BJP)पर निशाना साधते हुए कहा कि, सारे गोकशबीजेपी (BJP)के स्टेज पर है. क्या होगा गोमाता का.Azam Khan के रामपुर के ‘आज़म’ बनने की कहानी