Russia-Ukraine War: फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले से लड़ने के लिए यूरोप अभी मजबूत नहीं है जिस कारण उसे अमेरिका पर निर्भर होना पड़ता है.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को 9 महीने का समय हो गया है और अब तक दोनों देशों में से कोई पीछने हटने या अपनी हार मानने को तैयार नहीं है. फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन (Sana Marin) ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को चेतावनी दी कि यूक्रेन पर एक रूसी जीत अन्य हमलावरों को सशक्त बना देगा. सना मरीन ने कहा कि अगर रूस इस जंग को जीतता है तो अन्य देश भी ऐसा करने के लिए सशक्त हो जाएंगे. सना मरीन ने अन्य देशों से रूस पर निर्भरता को कम करने पर जोर दिया. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मरीन रूस-युद्ध पर बेहद गंभीर दिखीं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “किसी प्रकार की कोई गलती न करें. अगर ये युद्ध रूस जीतने में सफल होता है तो वो ताकतवार महसूस करने वाला अकेला नहीं होगा.”
अमेरिका की मदद के बिना… – फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले से लड़ने के लिए यूरोप अभी मजबूत नहीं है जिस कारण उसे अमेरिका पर निर्भर होना पड़ता है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यूरोप की रक्षा ताकतों को मजबूत किया जाना चाहिए साथ ही कहा, फिलहाल हम अमेरिका की मदद के बिना मुसीबत में होंगे.
यूरोपीय देशों का रक्षा भंडार… – फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन
दरअसल, अमेरिका यूक्रेन को सैन्य सहायता मुहैया कराने वाले देशों में सबसे आगे रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने यूक्रेन को 18.6 अरब डॉलर की सैन्य सहायता देने की घोषणा की है. वहीं, यूरोपीय संघ दूसरे स्थान पर रहा है. फिनलैंड की प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन को सैन्य मदद देने के चलते यूरोपीय देशों का रक्षा भंडार घट रहा है जिस कारण यूरोपीय रक्षा ताकतों को और मजबूत करने की खास जरूरत है.