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सालभर में तैयार हो जाएगा अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर, जानें इसके बारे में सबकुछ

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अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखने के लिए भूमि पूजन समारोह पूरा हो चुका है. ये समारोह काफी धूमधाम से हुआ, जिसमें बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था के शीर्ष लोग मौजूद थे. साथ ही संयुक्त अरब अमीरात के कई मंत्रियों ने भी इस समारोह में शिरकत की

मंदिर की आधारशिला भारत से ले जाए गए गुलाबी पत्थरों से रखी गई है. ये राजस्थान से अबूधाबी भेजे गए थे. ये मंदिर 2020 तक पूरा होगा. इसमें मंदिर के साथ भारतीय संस्कृति की भव्य गैलरीज़ भी होंगी.

कैसा होगा ये मंदिर
ये कुल 55,000 स्क्वायर मीटर या 14 एकड़ में बनेगा. ये अपने आप में काफी अनूठा होगा. इसमें प्रार्थना हॉल के अलावा आगंतुक हाल, भारतीय संस्कृति को दिखाने वाली गैलरीज, बच्चों के लिए खेलने की जगह, फूड कोर्ट, गार्डन के साथ किताबों व गिफ्ट की दुकानें होंगी.

कितने स्तंभ होंगे
इस मंदिर में कुल सात मुख्य स्तंभ होंगे. दुबई में दो हिंदू मंदिर हैं. अब तक अबू धाबी में रहने वाले लोगों को दर्शन करने के लिए दुबई जाना पड़ता था. इस मंदिर के निर्माण के बाद ऐसी समस्या खत्म हो जायेगी.

अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला पूजन का कार्यक्रम

पत्थरों को कहां तराशा जाएगा
मंदिर का निर्माण स्वामिनारायण संस्थान की देख-रेख में भारतीय शिल्पकार कर रहे हैं. मंदिर का निर्माण 2020 में पूरा हो जाने की उम्मीद है. इस मंदिर मे लगने वाले पत्थरों को भारत में ही अलग-अलग डिज़ाइनों में काटा जायेगा और बाद में इसे यूएई में ही एक-दूसरे से जोड़कर मंदिर का निर्माण किया जायेगा.

2000 कारीगर
इसके लिए भारत में 2000 कारीगर लगातार इसके पत्थरों को तराशेंगे. जिस पिंक सैंडस्टोन का इस्तेमाल इसे बनाने में किया जा रहा है, जयपुर का हवामहल भी उन्हीं पत्थरों से तैयार हुआ है.

क्या है पत्थर की खासियत
बताया जा रहा है कि ये पत्थर 50 डिग्री सेंटीग्रेड में भी गरम नहीं होते हैं और इनमें भीषण गर्मी को झेलने की क्षमता होती है. ये पत्थर राजस्थान में ही मिलते हैं

अबूधाबी से कितनी दूर
दुबई-अबू धाबी हाइवे पर बनने वाला यह अबू धाबी का पहला पत्थर से निर्मित मंदिर होगा. ये अबू धाबी से 30 मिनट की दूरी पर है. न सिर्फ अबू धाबी में बल्कि पश्चिमी एशिया में पत्थरों से बनने वाला यह पहला मंदिर होगा.

बनने के बाद ऐसा होगा अबू धाबी का स्वामिनारायण मंदिर

यूएई में कितने भारतीय
यूएई में करीब 30 लाख भारतीय रहते हैं. जब 2015 में प्रधानमंत्री अबू धाबी गए थे, उस समय मंदिर को ज़मीन देने का वादा किया गया था. इस मंदिर के निर्माण की वजह से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा व द्विक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे.

यूएई में कितने धार्मिक स्थान
यूएई में सैकड़ों मस्जिदों के अलावा 40 चर्च, दो गुरुद्वारे और दो मंदिर है.ये दोनों मंदिर यूएई में हैं

जानें सारा समीकरण : वाराणसी में क्या पीएम मोदी को टक्कर दे पाएंगी प्रियंका?

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पिछले काफी दिनों से चर्चा चल रही है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं. हाल ही प्रियंका ने भी इस मामले पर कहा था कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष और उनके भाई राहुल गांधी कहते हैं तो वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

वायनाड में राहुल गांधी के लिए प्रचार करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा था, ‘अगर राहुल गांधी कहेंगे तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं और मैं वाराणसी से लड़ूंगी.’ बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं.

इसमें कोई शक नहीं कि अगर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं तो यह भारत के चुनावी इतिहास का सबसे बड़ा मुकाबला होगा. एक तरफ देश के प्रधानमंत्री होंगे तो दूसरी तरफ गांधी परिवार का कोई सदस्य.

कांग्रेस के लिए ट्रंप कार्ड मानी जा रहीं प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव लड़ने पर पार्टी को आसपास की सीटों पर जरूर फायदा हो सकता है. पिछले लोकसभा चुनावमें बीजेपी ने भी पूर्वांचल की सीटों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मोदी को वाराणसी से अपना उम्मीदवार बनाया था. उस समय मोदी और बीजेपी की लहर भी थी. लेकिन प्रियंका के लिए इस सीट से प्रधानमंत्री को सीधे चुनौती देना क्या इतना आसान है?

बात करें बनारस के जातीय समीकरण की तो यहां पर सबसे ज्यादा बनिया मतादाता हैं, जिनकी संख्या करीब 3.25 लाख हैं. इसके बाद करीब तीन लाख मुस्लिम, ढ़ाई लाख ब्राह्मण, दो लाख पटेल, डेढ़ लाख यादव, सवा लाख भूमिहार, एक लाख राजपूत, 80 हजार चौरसिया, 80 हजार दलित और करीब 70 हजार अन्य पिछड़ी जातियों के मतदाता हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

ब्राह्मण और बनिया को बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है. लेकिन नोटबंदी और जीएसटी के बाद की नाराजगी को कांग्रेस भुनाने में कामयाब होती है तो बनिया वोट कांग्रेस के पाले में आ सकता है. वहीं एससी/एसटी एक्ट को लेकर ब्राह्मणों में नाराजगी है. इसके साथ ही विश्वनाथ कॉरीडोर बनने के कारण इसी जाति के लोगों के घर सबसे ज्यादा टूटे हैं. अगर इन दोनों बातों को लेकर इनके बीच की नाराजगी मतदान पर असर डालती है तो कांग्रेस को लाभ मिल सकता है.

इसके अलावा मुस्लिम मतदाताओं का वोट भी काफी मायने रखता है. माना जाता है कि मुस्लिम वोटर उसी को वोट देते हैं जिनमें बीजेपी को हरा देने की ताकत हो. ऐसे में प्रियंका की उम्मीदवारी से ये वोट कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं.

बाकी अन्य जातियों के वोट इधर-उधर होते हैं तो इसका लाभ भी कांग्रेस को मिलेगा. इसके साथ ही कांग्रेस चुनाव में उतरने से पहले जातीय समीकरणों को साधने का काम भी करेगी. जिससे प्रियंका को मजबूती प्रदान की जा सके.

क्या रहा था पिछले चुनाव का अंक गणित?
पिछले लोकसभा चुनाव और इस लोकसभा चुनाव में काफी अंतर है. उस समय देश में मोदी और बीजेपी की लहर थी. इस समय वैसा मामला नहीं है, लेकिन पिछले चुनाव में किस पार्टी को कितने वोट मिले थे, ये आंकड़े भी मायने रखते हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे. प्रधानमंत्री मोदी के निकटतम प्रतिद्वंदी केजरीवाल थे. मोदी को केजरीवाल से 3 लाख, 77 हजार वोट ज्यादा मिले थे. जबकि कांग्रेस के अजय राय को 75,614 वोट, बीएसपी को तकरीबन 60 हजार 579 वोट, सपा को 45291 वोट मिले थे.

आंकड़े बता रहे हैं कि पीएम मोदी के अलावा अन्य दलों को जो वोट प्राप्त हुए, वे भी उनको मिले वोट से काफी कम थे. अब अगर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने पर गठबंधन अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा करता है, तब भी वो आंकड़े के खेल में पीछे ही नजर आती हैं. हालांकि हर बार का चुनाव अलग मुद्दे पर होता है.

ये तो रहा आंकड़ों का खेल. इन सबके अलावा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बनारस में किया गया विकास कार्य भी मतदाताओं के दिमाग में रहेगा. इन सबके साथ ही प्रियंका अगर उम्मीदवार बनती हैं तो प्रधानमंत्री के लिए पूरी बीजेपी अपनी ताकत लगा देगी.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शुभ मुहूर्त में जमा किए नामांकन दाखिल के फार्म

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भोपाल। बहुचर्चित लोकसभा सीट भोपाल के लिए सोमवार को भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल के दो सेट फार्म जमा किए। पंडितों के स्वस्तिवाचन मंत्रोच्चार के साथ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद साध्वी कलेक्ट्रेट पहुंचीं और नामांकन के लिए दो सेट फॉर्म जमा किए। साध्वी प्रज्ञा बाकी दो सेट फार्म मंगलवार को भरेंगी। आज उनके साथ मौजूदा सांसद आलोक संजर उपस्थित थे।

कोर्ट के आदेश के बाद रेखा नायर पहुँची ईओडब्ल्यू के दफ्तर

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रायपुर। फोन टेपिंग एवं आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में  निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की स्टेनो रेखा नायर न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार को अपना बयान दर्ज कराने ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुंची। रेखा नायर ने बयान दर्ज कराने के बाद कहा कि ईओडब्ल्यू के द्वारा झूठा आरोप लगाकर केस दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जबरिया व झूठा आरोप लगाकर मुझे फंसाया जा रहा है। मैं किसी भी फोन टेपिंग मामले को नही जानती हूं। उन्होंने यह भी कहा कि ईओडब्ल्यू क्राइमब्रांच की तरह काम कर रही है नार्मल काम नही कर रही है।

धड़ पकड़ कार्रवाई कर रही थी, मेरी जान पहचान वालो के साथ मारपीट कर रही है ऐसे में मैं कैसे आती। वही ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने बताया कि जो अपराध दर्ज रेखा नायर के खिलाफ हुआ था उस पर हम विवेचना कर रहे हैं। विवेचना को हम आगे बढ़ाएंगे। कोर्ट के आदेश के बाद आज रेखा नायर उपस्थित हुईं है। इनकी अनुपस्थिति में मामला काफी दिनों से लंबित था। इस विवेचना को आगे बढाया जाएगा। न्यायालय से सर्च वारंट लिया गया था। उसके आधार पर रेखा नायर के घर को सील किया गया था। अब आगे विवेचना जारी रहेगी।

पूर्व सीएम डाॅ. रमन सिंह बोले : अभी भी मैच्योरिटी नहीं आई है राहुल गांधी में

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रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में अभी तक मैच्योरिटी नहीं आई है। राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए चौकीदार चोर है जैसे आरोप लगाए हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी 15 साल मुख्यमंत्री रहे और 5 साल प्रधानमंत्री और उनके भाई अभी भी 8000, 10000 रुपए की नौकरी करते हैं।

ऐसे प्रधानमंत्री पर चौकीदार चोर है बोलकर आरोप लगाया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी को फटकार लगाई है। डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में 10 की 10 सीट जीते थे और इस लोकसभा चुनाव में दुर्ग सहित 11 सीट भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल करेगी। डा. रमन सिंह ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान हो गए हैं और कल तीसरे चरण का मतदान होना है निश्चित ही भारतीय जनता पार्टी पर जनता भरोसा करके मतदान करेंगी।

छत्तीसगढ़ : प्रदेश की सात लोकसभा सीटों पर कल होगा चुनाव, मतदान दल मतदान केंद्रों के लिए रवाना

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रायपुर। प्रदेश की सात लोकसभा सीटों पर कल चुनाव होगा। इससे पहले आज मतदान दलों को मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया गया। राजधानी में सामग्रियों के वितरण के लिए 3 केन्द्र बनाए गए हैं। गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार, दानी गर्ल्स स्कूल और बीटीआई ग्राउंड शंकर नगर से मतदान दल रवाना किए जा रहे हैं।

बता दें कि शंकर नगर बीटीआई ग्राउंड में विधानसभा धरसींवा और रायपुर उत्तर, दानी कन्या उच्चतर महाविद्यालय से रायपुर पश्चिम, रायपुर दक्षिण और इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार से रायपुर ग्रामीण, आरंग और अभनपुर विधानसभा के लिए मतदान दल सामग्री लेकर रवाना हो गए हैं। प्रदेश में 61 हजार से अधिक मतदान कर्मी मतदान केंद्रों में तैनात किए गए हैं। वही 90 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। मतदान केंद्रों के लिए रवाना होते मतदान कर्मियों ने कहा कि चुनौती के बावजूद वो सफलतापूर्वक चुुुनाव कराएंगे। पहले भी उनके द्वारा चुनाव करवाया गया है इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

मध्यप्रदेश : कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक साल से चल रहे हरिनाम कीर्तन का समापन

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भोपाल। कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए छिंदवाड़ा जिले के ग्राम रामपुरी टोला के ग्रामीणों द्वारा 2017 के सावन मास से मंदिर में शुरू किया गया हरिनाम कीर्तन का समापन मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने किया। ग्रामीणों ने इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ का अभिनंदन और अभिवादन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि ग्राम रामपुरी टोला की जनता के साथ ही पूरे छिंदवाड़ा जिले के लोगों ने पिछले 40 साल से मेरे प्रति जो आत्मियता और सद्भावना रखी उसी का परिणाम है कि मैं आज इस प्रदेश का मुखिया बनने की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम हुआ। उन्होंने कहा कि जिले के हर व्यक्ति के विकास और खुशहाली का बीड़ा जो मैंने उठाया था अब प्रदेश के मुखिया बनकर सभी नागरिकों और विशेषकर किसानों और नौजवानों की खुशहाली के लिए समर्पित रहूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा मुझे यह ताकत छिंदवाड़ा की जनता जनार्दन से ही मिलेगी।

राफेल डील पर दिए बयान पर राहुल ने जताया खेद, सुप्रीम कोर्ट में बोले-उत्तेजना में दिया बयान

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नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान उत्तेजना में ऐसा बयान दिया था, जिसके लिए उन्हें खेद है। राहुल ने राफेल डील मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है। राहुल के इसी बयान के बाद बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने याचिका दायर कर राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की शिकायत दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने पर ये नोटिस जारी किया था। भारतीय जनता पार्टी की नेता मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर की थी।

राहुल गांधी के नामांकन पत्रों की जांच पूरी, सहीं पाए गए सभी दस्तावेज

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अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में जिलाधिकारी और निर्वाचन अधिकारी डॉ. राम मनोहर मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी संसदीय सीट से नामांकन पत्रों की जांच सोमवार को पूरी कर ली है। जांच में राहुल गांधी के सभी दस्तावेज सहीं पाए गए हैं। बता दें कि राहुल गांधी पर नामांकन पत्रों में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया था। निर्दलीय उम्मीद्वार ध्रुव लाल मनोहर ने अफजल वारिस, सुरेश चंद्र और सुरेश कुमार ने शनिवार को राहुल गांधी के तीन विषयों की गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था। पहला उनके नाम, दूसरा राष्ट्रीयता और तीसरा उनकी शैक्षिक योग्यता पर।

दुर्ग : मतदाताओं की खामोशी से नेता बेचैन, दुर्ग में दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

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लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में अब कुछ ही घंटे शेष है। एक ओर जहां प्रत्याशी मतदाताओं तक पहुंचने धुआंधार जनसंपर्क और प्रचार-प्रचार में लगे हैं तो वहीं चुनाव की प्रशासनिक कवायद भी तेज हो गई है। इन सबके बीच मतदाताओं की खामोशी ने नेताओं को बेचैन कर रखा है।

दुर्ग संसदीय सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है। इस सीट का प्रदेश और देश की राजनीति में बड़ा दखल है। इस आम चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। यह वही लोकसभा सीट है, जहां भीषण मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस की जीत हुई थी। इस जीत ने ही प्रदेश में कांग्रेस की लाज बचाई थी।

राजनीति के जानकारों की मानें तो दुर्ग लोकसभा इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह गृह जिला है। इसके अलावा दुर्ग संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और पीएचई मंत्री गुरु रूद्र इन्हीं इलाकों से जीतकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहुंचे हैं। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में दुर्ग की एकमात्र विधानसभा वैशाली नगर से विद्यारतन भसीन को जीत मिली है। जबकि संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है। दूसरी ओर भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय दुर्ग संसदीय सीट से सांसद रह चुकी है। दुर्ग फतह करने के लिए राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है।

दुर्ग बचाने राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद आए

मुख्यमंत्री सहित तीन मंत्रियों की मौजूदगी में कांग्रेस कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसदीय क्षेत्र के दुर्ग व बेमेतरा जिला में लगातार दो दिनों तक आठ सभाओं को संबोधित किया। वहीं मंत्री रविंद्र चौबे, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व मंत्री गुरु रूद्र कुमार लगातार कार्यकर्ताओं की बैठक और छोटी सभाएं लेते रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने शहरी क्षेत्र में कई बड़ी सभाओं को संबोधित कर जनसंपर्क भी किया। दो दिन पहले पाटन क्षेत्र में कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू ने सभा कर माहौल बनाया। वहीं एक दिन पहले भिलाई के बैकुंठधाम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बड़ी सभा हुई।

दुर्ग फतह करने राजनाथ व उमा आए

दुर्ग संसदीय क्षेत्र के बेमेतरा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रोड शो कर माहौल बनाया। इसके अलावा नवागढ़ व बेमेतरा में जनसभा को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने साजा विधानसभा के परपोड़ी में भाजपा के लिए सभा की। पड़ोसी बालोद जिला में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभा हुई, जबकि वैशालीनगर के बैकुंठधाम में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी सभा को संबोधित किया। स्थानीय दिग्गज नेताओं में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सरोज पांडेय, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, पूर्व मंत्री रमशीला साहू, चुनाव संचालन समिति के प्रभारी महासमुंद सांसद चंदूलाल साहू, वैशालीनगर विधायक विद्यारतन भसीन ने भी चुनावी कमान संभाली।

गांवों तक नहीं पहुंच सके प्रत्याशी

दुर्ग संसदीय क्षेत्र से 21 प्रत्याशी मैदान पर है, लेकिन बड़ी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी भी गांवों तक नहीं पहुंच सके। ताबड़तोड़ जनसंपर्क के बाद भी मतदाताओं तक अपनी बात नहीं रख सके। वहीं निर्दलीय व क्षेत्रीय पार्टियों की सक्रियता इस चुनाव में कम ही दिखी है। बड़ा संसदीय क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में वाल पेंटिंग व बैनर पोस्टर भी नहीं लग पाये। कई गांवों में प्रचार के अंतिम समय तक प्रचार वाहन नहीं पहुंच पाये। संसदीय क्षेत्र के अधिकांश लोगों को यह भी नहीं पता है कि कितने प्रत्याशी मैदान पर है और उन्हें कौन सा चुनाव चि- आवंटित हुआ है। वहीं प्रशासनिक स्तर पर शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। अब 23 अप्रैल को ही पता चलेगा कि कितने प्रतिशत मतदाता जागे।