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छत्तीसगढ़ : अस्पताल से लौटी नर्स ने लगा ली फांसी

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रायपुर!

मोवा थाना क्षेत्र के पंचवटी नगर में मित्तल अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स ने खुदकुशी कर ली। दोपहर दो बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद उसने अस्पताल के क्वार्टर रुम में दुपट्टे से फांसी लगा ली। शाम को महिला की सहयोगी ने फंदे पर झूलती लाश देखकर अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। मृतका का नाम सप्या मोंगरी पिता छगाराम (23), मूल निवासी रायगढ़ पटेरापाली बताया गया है। सालभर पहले ही वह मित्तल अस्पताल में काम करने आई थी। घर वालों से पुलिस ने संपर्क किया है। कमरे की तलाशी ली गई लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका। पुलिस ने सुसाइड नोट मिलने से इंकार किया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

छत्तीसगढ़ : वन विभाग में बड़ा बदलाव, राकेश चतुर्वेदी को मिली कमान

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रायपुर। सरकार गठन के बाद राज्य सरकार ने दूसरा बड़ा निर्णय लेते हुए वन विभाग के मुखिया मुदित कुमार सिंह को हटाकर छत्तीसगढ़ मूल के आईएफएस अफसर राकेश चतुर्वेदी को वन विभाग की कमान सौंप दी। राकेश चतुर्वेदी 1985 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। मुदित कुमार सिंह को राज्य वन अनुसंधान संस्थान का निदेशक बनाया गया है। मुदित सिंह वन वल प्रमुख बने रहेंगे।

जारी स्थानांतरण आदेश में शिरीष चंद्र अग्रवाल को निदेशक राज्य वन अनुसंधान संस्थान से प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव बनाया गया है। कौशलेंद्र सिंह को पीसीसीएफ वन्य जीव से राज्य शासन में संबद्ध कर दिया गया है। कौशलेंद्र सिंह से नान घोटाले में पूछताछ भी हो रही है।

संजय शुक्ला को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीसीसीएफ कार्यालय से अनुश्रवण व मूल्यांकन में स्थापित किया गया है। पीसी पांडेय को मानव संसाधन विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संरक्षण के पद पर पदस्थापित किया गया है।

सुधीर कुमार अग्रवाल को प्रशासन राज समन्वय के पद पर, युनूस अली को अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के मानव संसाधन विकास सूचना प्रौद्योगिकी, तपेश झा को राज्य जैव विविधता बोर्ड से विकास योजना तथा संजय ओझा को जैव विविधता बोर्ड कार्यालय में स्थापित किया गया है। संजय शुक्ला, सुधीर अग्रवाल व संजय ओझा राज्य शासन से वापस आने के बाद बिना पद के थे।

कुछ को और करना होगा इंतजार

राज्य शासन से मूल विभाग में लौट कर आए कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को अभी और इंतजार करना होगा। कारण की इस सूची में भी इनका नाम नहीं है।

SSP ने रायपुर में बदमाशों पर अंकुश के लिए बनाई यह योजना

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रायपुर। जिले की तंग गलियों में बदमाशी करने वाले शरारती तत्वों पर अब पुलिस के पहले वहीं रहने वाली महिलाएं तंज कसेंगी। बतौर पुलिस कमांडों के रूप में बदमाशों को आड़े हाथ लेकर कानून व्यवस्था संभालने के लिए अपनी भूमिकाएं बांधेंगी।

नए पुलिस कप्तान ने बालोद की तर्ज पर रायपुर शहर में महिला कमांडो बनाने की रणनीति तैयार की है। 15 से 20 हजार युवतियों व महिलाओं को महिला रक्षक दल से जोड़कर सुरक्षा का नया सिस्टम तैयार किया जाएगा। किसी भी परिवार से बालिग बेटियां अपनी मां के साथ और बहू अपनी सास के साथ मिलकर सुरक्षा गश्त में पुलिस संग शामिल हो सकेंगी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस इन्हें महिला कमांडो का नाम देगी।

किसी भी तरह की अप्रिय वारदात होने पर सीधे वर्दीवालों से संवाद कर सकेंगे। फौरन इस पर कार्रवाई होगी। तंग गलियों से लेकर शहर की मुख्य संवेदनशील जगहों में ज्यादा से ज्यादा पुलिस सहयोगी यूनिट बनाई जाएंगी। महिला सुरक्षा दल में एएसपी, डीएसपी रैंक के अफसरों के लिए संवेदनशील जगहों में सहायता समूहों से सदस्य सुरक्षा दल से जोड़ने की जिम्मेदारी तय होगी।

2016 में बालोद हुआ सफल

एसएसपी आरिफ शेख ने बालोद में रहते हुए 2016 में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया था, जिसमें स्लम हिस्सों से महिलाओं व युवतियों को महिला रक्षक दल के साथ जोड़ा गया। इसके बाद पूरे प्रदेश में यह कॉन्सेप्ट अपनाया गया। पुलिस रिकॉर्ड में 14 जिलों में तकरीबन 45 हजार महिला कमांडों सुरक्षा के लिए अपनी भूमिका बांध रहे हैं।

महिला कमांडों ऐसे बनाएगी सुरक्षा का माहौल

  • अड्डेबाजी बढ़ने पर सोशल मीडिया के जरिए सीधे पुलिस को त्वरित सूचना दे सकेंगी।
  • पुलिस हेल्प लाइन नंबर जारी करेगी। थानेवार समितियों से कमांडो का चयन कर संपर्क तय होगा।
  • महिला संबंधी अपराध होने पर सूचना देने की तय करेंगे जवाबदारी, समझाइश देने पहुंचा रक्षा दल।
  • पुलिस के अवेयरनेंस कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर लोगों के बीच सुरक्षा संबंधी संदेश पहुंचाने उठा सकेंगे जिम्मा।
  • महिला पुलिस की रक्षा यूनिट दिन ही नहीं बल्कि शाम व रात में जरूरत के वक्त संवेदनशील जगहों में होगी हाजिरी।

जानिए : आखिर क्यों वाघा बॉर्डर पर होती है गुस्से से भरी भारत-पाक परेड?

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वाघा बॉर्डर पर हर शाम भारत और पाकिस्तान के जवान एक दूसरे के साथ गुस्से में हाथ मिलाते हैं. दोनों ओर से सैनिक अपने पैरों को पटकते हुए हवा में काफी ऊपर उठाकर गुस्से का इजहार करते हैं. इसके बाद सूर्यास्त के समय राष्ट्रीय झंडे उतारे जाते हैं. इस मौके पर भारत की ओर से बीएसएफ के जवान खाकी रंग की ड्रेस में रहते हैं, जबकि पाकिस्तानी रेंजर काले रंग की ड्रेस में रहते हैं.

1947 की शुरुआत में भारत के आखिरी ब्रिटिश वायसराय माउंटबेटन ने भारत की आजादी की घोषणा की. इसके बाद ब्रिटेन से 8 जुलाई को सर सिरिल रेडक्लिफ को भारत बुलाया गया और उन्हें धर्म के भारत आधार पर बॉर्डर बनाने का जिम्मा सौंपा गया. वे पहले भारत में कभी नहीं रहे थे. इसे इस बॉर्डर डिसाइड करने के काम में जुटी सारी ही पार्टियों ने एक फायदे की बात माना क्योंकि ये पार्टियां सोचती थीं कि ऐसे में किसी एक पक्ष की तरफ रेडक्लिफ का पूर्वाग्रह नहीं होगा. दो हफ्तों में ही रेडक्लिफ ने अपना काम पूरा कर दिया. उन्होंने एक ओर भारत और पाकिस्तान का बॉर्डर बनाया तो दूसरी ओर भारत और पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) का बॉर्डर भी बनाया.

यह समारोह भारत और पाकिस्तान के बीच 1959 से ही लगातार होता आ रहा है. कश्मीर में 1999 में अमन सेतु खुलने से पहले ग्रांड ट्रंक रोड ही भारत और पाकिस्तान के बीच एक मात्र रोड लिंक था. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीटिंग रिट्रीट बॉर्डर समारोह के तौर पर माना जाता है. कई विदेशी भी हर शाम होने वाले इस समारोह को देखने के लिए आते हैं.

2010 में पाकिस्तानी रेंजर्स के जनरल याकूब अली खान ने यह तय किया था कि इस समारोह में दोनों पक्षों के बीच रहने वाली गहमागहमी को कम किया जाएगा. इसके बाद अच्छे से सीखे हुए जवान इस मौके पर परफॉर्म करते हैं. उन्हें दाढ़ी और मूंछों को मेन्टेन करने के लिए अलग से भत्ता मिलता है.

 

भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दो दिन 29 सितंबर और 8 अक्टूबर, 2016 को इस परेड के लिए लोगों को नहीं आने दिया गया था. और न ही दीवाली पर पाकिस्तानी सैनिकों को मिठाईयां दी गई थीं. हालांकि यह एक परंपरा है कि बकरीद, दीवाली और दोनों ही देशों के स्वतंत्रता दिवस के दिन दोनों देश आपस में मिठाईयों को आदान-प्रदान करते हैं.

PoK में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद राहुल गांधी ने किया इंडियन एयरफोर्स को सलाम

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पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले का बदला भारतीय सेना ने ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज लड़ाकू विमानों ने पीओके में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी की जिसमें 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए. भारत की इस कार्रवाई के बाद हर भारतीय इंडियन एयरफोर्स को सलाम कर रहा है, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हैं.

पीओके में हुई इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर एयरफोर्स को सलाम किया. वायुसेना के अदम्य साहस को सलाम करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, ‘मैं इंडियन एयरफोर्स को सलाम करता हूं’

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1100245432901472257

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इंडियन एयरफोर्स को सलाम किया है.

https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1100247039361847296

 

दूसरे बड़े नेताओं ने भी भारतीय वायुसेना के इस साहसिक कदम को सलाम किया है

https://twitter.com/YashwantSinha/status/1100245988357300224

आपको बता दें इंडियन एयफोर्स ने पहली बार सरहद पार कर हमला किया है. बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े तीन बजे एक साथ 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने आतंकियों के बड़े ठिकानों पर हमला किया और उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया. भारतीय वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के विमानों ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार जैश के आतंकी कैंप पर करीब 1000 किलोग्राम के बम बरसाए.

छत्तीसगढ़ : कहां से मिलेगी सम्मान निधी… जब केंद्र को भेजी ही नहीं गई किसानों की लिस्ट

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केन्द्र की किसान सम्मान निधी को लेकर छत्तीसगढ़ में जमकर राजनीति हो रही है. प्रदेश सरकार यहां के किसानों की सूची ही केन्द्र को नहीं भेजी जिससे प्रदेश के लाखों किसान इस योजना से वंचित हो गये हैं. बीजेपी जहां इसे किसानों के साथ छलावा बता रही है तो वहीं कांग्रेस अपनी योजनाओं को बेहतर बताते हुए जानबूझकर कांग्रेस शासित प्रदेश में इसका फायदा नहीं पहुंचाने का आरोप लगा रही है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त जारी की जा चुकी है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा किसानों की सूची नहीं भेजे जाने की वजह से प्रदेश के किसान इस पहली किस्त से चूक गए हैं. किसान सम्मान निधि योजना लागू करने से पहले केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकार से ऐसे किसानों की सूची मांगी थी जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम भूमि है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने सूची केन्द्र को नहीं भेजी. बीजेपी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने इसे किसानों के साथ अन्याय करार दिया है.

बइधर राज्य सरकार का मानना है कि बीते 2 माह में प्रदेश के 20 लाख किसानों को लगभग साढ़े 17 हजार करोड़ का सीधा लाभ प्रदेश सरकार ने दिया है. वहीं कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि केन्द्र ने जल्दबाजी में इस योजना को शुरू कर जानबूझकर कांग्रेस शासित प्रदेशों को दूर रखा है.

बहरहाल योजना की पहली किस्त जारी होने के बाद दूसरी किस्त के जारी होते तक आचार संहिता लगने की संभावना है. इधर छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी किसानों की लिस्ट ही तैयार नहीं की है. ऐसे में किसान ही केन्द्र और राज्य सरकार की राजनीति के शिकार होते दिखाई दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के इस शहर में मिल रहा है सस्ता पेट्रोल-डीजल, जानिए आज के भाव

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