– आरक्षण संशोधन विधेयक अधर में: सीएम बोले- यह समझना जरूरी है कि आरक्षण कौन रोक रहा है?
– राज्य सरकार से 10 सवालों का नहीं मिला जवाब, राज्यपाल दिल्ली रवाना
रायपुर. विधानसभा में पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर अभी तक राज्यपाल अनुसुईया उइके के हस्ताक्षर नहीं हो सका है। इस मामले में राज्यपाल को शासन की ओर से अब तक 10 बिंदुओं पर जानकारी नहीं मिल सकी। अब राज्यपाल तीन दिन दिल्ली प्रवास पर रहेगी। यानी इस विधेयक पर हस्ताक्षर होने में अभी और देरी होना तय है। बताया जाता है कि दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर सकतीं हैं। इस दौरान इस विधेयक पर भी चर्चा होने की संभावना है। इन सब के बीच इसे लेकर प्रदेश में राजनीति गरमाती जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर राजभवन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि यह समझना जरूरी है कि आरक्षण कौन रोक रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने राजधानी में गुरु घासीदास बाबा की जयंती समारोह के दौरान कहा,अजा और जजा को जनसंख्या के मुताबिक आरक्षण का अधिकार मिलना चाहिए। हमने विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर दिया है। अब ये समझना जरूरी है कि आरक्षण कौन रोक रहा है? इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, राज्यपाल को जल्द ही इस विधेयक पर हस्ताक्षर करना चाहिए और उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। यह बच्चों की पढ़ाई और नौकरी का सवाल है।
जल्द जनगणना कराने की मांग
मुख्यमंत्री बघेल मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के ग्राम लालपुर धाम में घासीदास जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से 2021 की जनगणना शीघ्र कराने की मांग की। उन्होंने कहा, नई जनगणना के अनुरूप अनुसूचित जाति को आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश में आरक्षण विवाद ने लाखों छात्रों का भविष्य अटका दिया है। छात्र प्रवेश के लिए आवेदन करने के बाद काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं। काउंसलिंग लेने वाले जिम्मेदार भी सामान्य प्रशासन विभाग से निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू कराने की बात कह रहे हैं। इन सब बयानबाजी के बीच छात्रों का कहना है, 31 दिसंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तो नया साल लग जाएगा और शैक्षणिक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया को बंद कर दिया जाएगा।
संगठन ने राज्यपाल से मांगा समय
अपनी संस्थानों की रिक्त सीटों की संख्या और छात्रों की परेशानी को देखकर निजी महाविद्यालयों के संगठन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल यूनाइडेड कॉलेज्स ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर समय मांगा है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है, राज्यपाल से मुलाकात करके उनसे आरक्षण मसले में निर्णय जारी करने और काउंसलिंग शुरू कराने के संबंध में निर्देश देने की मांग की जाएगी।
राजनीतिक अखाड़ा बना राजभवन: चौबे
कृषि मंत्री रविन्द्र चौब ने आरक्षण विभाग पर कहा, इस मामले में मुख्यमंत्री के बोल देने के बाद उनके लिए कुछ बचता नहीं है। मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि राजभवन में विधेयक पर हस्ताक्षर होने में हो रहे विलंब की वजह से बेरोजगारों को मौका नहीं मिल पा रहा है। भाजपा राजभवन को किस तरह से राजनीतिक अखाड़ा बना रही है, यह जनता देख रही है।
राज्यपाल को बाध्य नहीं कर सकते: बृजमोहन
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहती है तो मनमानी करती है और जब नही रहती तो संविधान को तोड़ने की कोशिश करती है। राज्यपाल संविधान के अनुसार ही काम करेंगी, उनको कोई बाध्य नहीं कर सकता। कांग्रेस के लोग इस बिल को लौटा दें या हस्ताक्षर करके दें….जैसी बातें कर संविधान का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे हैं।
आरक्षण इफेक्ट: 18 हजार से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में अटका
इतनी सीटें खाली
कोर्स सीट
डीएड-बीएड 5000
एग्रीकल्चर 600
फार्मेसी 5000
इंजीनियरिंग 8000
काउंसलिंग शुरू हो सके, इसलिए राज्यपाल को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान ज्ञापन देकर काउंसलिंग शुरु कराने की मांग करेंगे।