छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला लौह अयस्क खदान से लौह अयस्क का परिवहन सड़क मार्ग से पिछले 5 दिनों से पूरी तरह से बंद है। इसके चलते करीब 200 से ज्यादा ट्रक बचेली और किरंदुल के BTOA कार्यालय के नजदीक सड़क पर खड़े हैं। बताया जा रहा है कि, NMDC को टीपी के 144 करोड़ रुपए वन विभाग को देने हैं। एक दिन पहले वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए लौह अयस्क से भरी ट्रेन को रोकते हुए 4 टीपीबुक भी जब्त की है। हालांकि, इस संबंध में NMDC और वन विभाग के अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं।
जानकारी के मुताबिक, वन विभाग और NMDC के बीच खनन क्षेत्र की टीपी (ट्रांसपोटिंग परिवहन) पिछले लंबे समय से बकाया है। इसी को लेकर यह पूरा विवाद हुआ है। वन विभाग का कहना है कि, लगभग 144 करोड़ रुपए की टीपी NMDC को खनन क्षेत्र से लौह अयस्क परिवहन के एवज में अब तक नहीं दी गई है। जिसके चलते वन विभाग ने अब ट्रकों और रेल से लौह अयस्क परिवहन के लिए टीपी जारी करना बंद कर दिया है।
5 दिनों से ट्रांसपोर्ट बंद है।
NMDC को हो रहा रोजाना करोड़ों का नुकसान
दरअसल, यहां से प्रतिदिन सड़क मार्ग से ही करीब 200 ट्रक लौह अयस्क ट्रांसपोर्ट होता है। रोजाना लगभग कई मालगाड़ी से बचेली और किरंदुल परियोजना से मिलाकर लौह अयस्क भरकर विशाखापटनम जाती है। अगर परिवहन पूरी तरह रुकता है तो NMDC को रोजना करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
कार्रवाई करने पहुंचे थे SDO
वन विभाग दंतेवाड़ा के SDO अशोक सोनवानी वन अमले के साथ NMDC किरंदुल कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। वहीं NMDC के कर्मचारी दस्तावेजों लेकर वनपरिक्षेत्र बचेली ऑफिस आए थे। BTOA अध्यक्ष ए अनिल ने बताया कि, मंगलवार से लोहा गिट्टी की ढुलाई बंद है। जिसके चलते रोजाना ट्रक मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जल्द इस मामले में कोई रास्ता निकलना चाहिए।