एसपी अंकिता शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी कार में ही धोखाधड़ी का कॉल सेंटर चला रहे थे। यह लोग भीड़ वाली जगह पर गाड़ी पार्क करते और फिर वहां से कॉल कर लोगों को ठगते थे। भीड़ वाली जगह पर पार्क करने के चलते इनके नंबर ट्रेस करने में दिक्कत आती। आरोपियों ने ठगी की रकम को मोबाइल और अन्य सामान खरीदने में खर्च कर दिया था।
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छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई पुलिस ने दिल्ली से तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी दिल्ली की सड़कों पर ही कार में धोखाधड़ी का कॉल सेंटर चला रहे थे। उन्होंने जिले के एक युवक को पहले बैंक कर्मचारी बनकर लोन का झांसा देकर ठगी की। फिर उन्हीं रुपयों की वसूली के नाम पर खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर करीब 45 लाख रुपये वसूल लिए थे।
एक करोड़ का लोन दिलाने का दिया झांसा
जानकारी के मुताबिक, खैरागढ़ के इतवारी बाजार निवासी मोहम्मद जियाउल हक के मोबाइल पर 14 जनवरी 2021 को कॉल आई। कॉल करने वाले ने उन्हें इंडिया बुल्स का कर्मचारी बताया और एक करोड़ का लोन दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद प्रोसेसिंग में उनसे रुपये ले लिए। काफी समय बीतने के बाद भी न तो उनको लोन मिला और न उनके रुपये ही मिले। इस बीच उनके पास एक और कॉल आया।
क्राइम ब्रांच के अफसर बन वसूले और रुपये
इस बार कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और धोखाधड़ी करने वाले इस गैंग से रुपये दिलाने की बात कही। इसके बाद झांसा देकर अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर करा लिए। इस तरह से जियाउल हक दोनों बार में करीब 44 लाख 56 हजार रुपये की ठगी के शिकार हो गए। काफी परेशान होकर उन्होंने इस बार खैरागढ़ थाने में शातिर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
मोबाइल नंबर ट्रेस कर पहुंची पुलिस
पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर ठगों को ट्रेस किया और दिल्ली तक जा पहुंची। वहां दिल्ली पुलिस के सहयोग से यूपी के प्रतापगढ़ निवासी शिव बहादुर पाल, अफरोज अहमद और दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को लेकर पुलिस राजनांदगांव पहुंची। पुलिस ने आरोपियों से 12 मोबाइल, बलेनो कार, पांच प्रॉपर्टी के कागजात, सोने की चेन जब्त की है। इसके अलावा उनके बैंक खातों को भी फ्रीज करा दिया है।
सड़क किनारे कार पार्क कर चला रहे थे धोखाधड़ी का कॉल सेंटर
एसपी अंकिता शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी कार में ही धोखाधड़ी का कॉल सेंटर चला रहे थे। यह लोग भीड़ वाली जगह पर गाड़ी पार्क करते और फिर वहां से कॉल कर लोगों को ठगते थे। भीड़ वाली जगह पर पार्क करने के चलते इनके नंबर ट्रेस करने में दिक्कत आती। आरोपियों ने ठगी की रकम को मोबाइल और अन्य सामान खरीदने में खर्च कर दिया था। ऐसे में जब्त किए गए सामान से रिकवरी की गई है।