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पेले: फ़ुटबॉल के जादूगर का निधन, दुनिया कैसे याद कर रही है

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ब्राज़ील के महान फ़ुटबाल खिलाड़ी पेले का निधन हो गया है. वे 82 साल के थे और पिछले कुछ समय से किडनी और प्रोस्टेट की बीमारियों जूझ रहे थे.

21 साल लंबे फुटबॉल करियर के दौरान 1363 मुक़ाबलों में उनके नाम 1,281 गोल करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

वो एकमात्र फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन बार वर्ल्ड कप जीता. 1958, 1962 और 1970 में वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राज़ीली टीम में वे शामिल रहे. उन्हें साल 2000 में फ़ीफ़ा के प्लेयर ऑफ द सेंचुरी का तमगा दिया गया.

पिछले साल सितम्बर में उनके आंत की सर्जरी हुई थी और एक ट्यूमर निकाला गया था. उनका इलाज़ साओ पाओलो के आइंस्टीन अस्पताल में चल रहा था.

ये ट्यूमर उनके एक रूटीन टेस्ट में पता चला था. उन्हें इसी साल नवंबर में फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया.

दोबारा अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी बेटी केली नासिमेंटो सोशल मीडिया के मार्फ़त उनके प्रशंसकों को लगातार अपडेट कर रही थीं.

गुरुवार को उन्होंने एक फ़ोटो पोस्ट की जिसमें अस्पताल में पेले के शरीर पर उनका परिवार हाथ रखे हुए है. इसमें केली ने लिखा, “हम जो भी कुछ हैं उसके लिए बहुत शुक्रिया. हम आपको बहुत प्यार करते हैं. रेस्ट इन पीस.”

अस्पताल प्रबंधन ने पेले के निधन की पुष्टि करते हुए कहा है, “शरीर के विभिन्न अंगों के काम करना बंद कर देने से उनका निधन हुआ है. यह कोलोन कैंसर का संक्रमण बढ़ने के चलते हुआ.”

ब्राज़ील की पहचान रहे

पेले के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया है, “पेले केवल सर्वकालिक महान खिलाड़ी भर नहीं थे. वे उससे भी ज़्यादा थे.”

“फुटबॉल के हमारे बादशाह विजेता ब्राज़ील के सबसे बड़े प्रतीक थे. वे मुश्किलों से कभी नहीं घबराए. उन्होंने अपने पिता से वर्ल्ड कप जीतने का वादा किया था, और उन्होंने हमें तीन वर्ल्ड कप भेंट किए. उन्होंने हमें नया ब्राज़ील दिया और हम लोग उनकी विरासत के लिए आभारी हैं. थैंक्यू पेले.”

एडसन एरेंटस डो नासिमेंटो यानी पेले महज 17 साल की उम्र में फुटबॉल के स्टार बन गए थे. उन्होंने 1958 में खेले गए वर्ल्ड कप में ब्राज़ील को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. क्वार्टर फ़ाइनल में वेल्स के ख़िलाफ़ जीत के लिए इकलौता गोल उन्होंने दागा था. सेमीफ़ाइनल में फ्रांस के ख़िलाफ़ पेले ने हैट्रिक जमाई जबकि फ़ाइनल मुक़ाबले में स्वीडन के ख़िलाफ़ उन्होंने दो गोल दागे थे.

पेले ने अपना फुटबॉल करियर 15 साल की उम्र में सैंटोस क्लब के साथ शुरू किया था. डेब्यू मैच में ही उन्होंने पहला गोद किया था. इसके बाद अगले 19 सालों तक वे उसी क्लब से खेलते रहे और कुल मिलाकर 643 गोल किए. हालांकि सैंटोस क्लब की ओर हमेशा दावा किया जाता रहा है कि उन्होंने क्लब के लिए एक हज़ार से ज़्यादा गोल किए. इसमें प्रदर्शनी मैचों में किए गोल भी शामिल हैं.

तीन वर्ल्ड कप जीतने का करिश्मा

ब्राज़ीली फुटबॉल कंफेडरेशन और सैंटोस का दावा है कि पेले ने 1367 मैचों में 1283 गोल किए जबकि फ़ीफ़ा का दावा है कि पेले ने 1366 मैचों में 1,281 गोल किए. 1962 के वर्ल्ड कप में पेले 21 साल के हो चुके थे. उन्होंने मैक्सिको के ख़िलाफ़ पहले मैच में बेहतरीन गोल दागा. लेकिन अगले मैच में चोटिल होने के बाद उन्हें साइडलाइन पर बैठना पड़ा. लेकिन गरिंचा के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ब्राज़ील ख़िताब को डिफेंड करने में कामयाब रही.

1966 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में वे कुछ ख़ास नहीं कर सके लेकिन 1970 में शानदार वापसी करते हुए उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन बनाया. इटली के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में मिली 4-1 की जीत में पेले ने ब्राज़ील की ओर से पहला गोल दागा था.

2020 में बीबीसी स्पोर्ट्स के पोल में उन्हें महानतम खिलाड़ी चुना गया था.

उनके निधन पर दुनिया भर के दिग्गज़ फुटबॉलरों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. इसी महीने वर्ल्ड कप जीतने वाले लियोनेल मेसी ने पेले के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, ‘रेस्ट इन पीस, पेले.’क़तर वर्ल्ड कप के दौरान पेले ने अस्पताल से ब्राज़ीली टीम की जीत के लिए संदेश भेजा था.

वहीं मौजूदा समय के एक दूसरे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने लिखा है, “पेले लाखों लोगों के प्रेरणा रहे है. उनकी मिसाल कल भी दी जाती थी, आज भी दी जाती है और हमेशा दी जाएगी. दूर से भी उन्होंने हमेशा मेरे लिए स्नेह दिखाया, जब भी हम मिले हों, हमारा स्नेह पारस्परिक तौर एख दूसरे के प्रति था. उन्हें कभी नहीं भूलाया जा सकेगा. उनके यादें हम फुटबॉल प्रेमियों के साथ रहेगी. रेस्ट इन पीस, किंग पेले.”

वहीं ब्राज़ीली टीम के स्टार नेमार ने इंस्टाग्राम में लिखा है, “पेले से पहले 10 केवल एक नंबर था. मैंने ये मुहावरा कहीं पढ़ा था. यह अच्छा तो लेकिन अधूरा है. मैं ये कहना चाहता हूं कि पेले से पहले फुटबॉल एक धीमा खेल था. पेले ने सबकुछ बदल दिया. उन्होंने फुटबॉल को एक कला और मनोरंजन में तब्दील कर दिया.