प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर पहुंचे और वहां आए लोगों को संबोधित किया। इस साल प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 70 देशों के 3800 लोग शामिल हो रहे हैं।
8 जनवरी को ही सम्मेलन की शुरुआत हो गई थी। वहीं इंदौर में इन प्रवासियों के स्वागत के लिए पहले से ही खास इंतजाम किए गए हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कई मायनों में प्रवासी भारतीय दिवस महत्वपूर्ण है। यहां आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से भारत के स्वर्णिम युग के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा, हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यताओँ के समागम की आवश्यकताओं को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार शुरू किया था। हमने अलग-अलग सभ्यताओं के बीच समृद्धि के रास्ते खोलने का काम भारत ने करके दिखाया है। आज अपने करोड़ो भारतीय प्रवासियों को जब ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं। दुनिया के इतने देशों में जब भारत के लोग कॉमन दिखते हैं तो वसुधैव कुंटुंबकम की भावना के दर्शन होते हैं।
उन्होंने कहा, जब भारत के अलग-अलग प्रांतों के लोग मिलते हैंतो एक भारत श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया के देशों में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब विश्व हमारा आकलन करता है तो उसे सशक्त औऱ समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसलिए मैं आप सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत कहता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, आप भारत के मोटे अनाज, हैंडिक्राफ्ट के ब्रैंस ऐंबेसडर हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से भी इसे प्रमोट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, आप ही वे लोग हैं जो दुनिया को भारत के बारे में और जानकारी दे सकते हैं। आज दुनिया भारत की ओर देख रही है। यह कहना इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं वे असाधारण हैं। जब भारत कुछ महीने मे ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है औऱ भारत वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाता है। जब भारत विश्व की बड़ी इकॉनमी से कंपीट करता है। जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनता है। भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, आईएनएस विक्रांत और अरहिंत जैसी सबमरीन बनाता है तो दुनिया के लोगों में जिज्ञासा होती है कि भारत यह कैसे कर रहा है।
जी20 को लेकर क्या बोले मोदी
उन्होंने कहा कि जी20 को एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है। इसमें लोग भारत की अतिथि देवो भव की भावना का अनुभव करेंगे। आप उन्हें यहां आने वालों को पहले ही भारत के बारे में बता सकते हैं। जी20 समिट में 200 मीटिंग्स होने वाली हैं। लोग हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों में जाने वाले हैं। वहां रहने वाले प्रवासी उनसे पूछें कि उनका अनुभव कैसा था। आज भारत के पास ना केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। आज युवाओं के पास स्किल भी है और वैल्यूज भी हैं। प्रवासी युवा भी भारत से जुड़े। हम उन्हें भी भारत को जानने समझने का आवसर दे रहे हैं। उनमें भी भारत को लेकर उत्साह बढ़ रहा है। वे अपनी जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। ये हम सबकी जिम्मेदारी हैं कि ना केवल उन्हें बताएँ बल्कि भारत दिखाएं भी।
क्यों बनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस
हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से इसका वर्चुअल आयोजन किया गया था। चार साल के बाद एक बार फिर से इसका बड़ा आयोजन किया गया है। दरअसल 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और भारत में स्वतंत्रता की मशाल जलाई थी। इसीलिए 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस यानी एनआरआई डे के रूप में मनाया जाता है औऱ विदेशों में उपलब्धि हासिल करने वाले एनआरआई को सम्मानित किया जाता है।