चुनावी वर्ष में भाजपा राज्य सरकार को घेरने का कोई मुद्दा नहीं छोड़ रही है। लगातार नए मुद्दे तलाशे जा रहे हैं। अब दिल्ली में हुई बैठक के बाद भाजपा ने तेंदूपत्ता खरीदी में गड़बड़ी को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
बस्तर समेत प्रदेश के 45 विधानसभा में भाजपा तेंदूपत्ता को मुद्दा बनाकर आंदोलन छेड़ेगी। 10 मई के बाद आंदोलन तेज होगा। पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने प्रदेश के शीर्ष भाजपा नेताओं की बैठक ली थी। इसमें लगातार आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। अभी गांवों में चौपाल शुरू की गई है।
प्रदेश भाजपा के महामंत्री केदार कश्यप ने बताया कि लाभांश बिक्री के आधार तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस दिया जाता है मगर उन्हें यह नहीं मिल रहा है। तेंदूपत्ता खरीदी की समयसीमा को भी सीमित कर दिया गया है। संग्राहकों के बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है। इसके अलावा वनवासियों को चरण पादुका और साड़ी योजना से वंचित कर दिया गया है।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि अभी तो भाजपा गांव-गांव में चौपाल लगाकर यह आंदोलन कर रही है। 10 मई के बाद जिला स्तर पर कार्यालयों में तालाबंदी की जाएगी।
भाजपा के आंदोलन के पांच मुद्दे
खरीदी दिवस:
भाजपा का दावा है कि डा. रमन सिंह की सरकार में 10 से 15 दिनों तक तेंदूपत्ता की खरीदी होती थी मगर अब एक से तीन दिन ही खरीदारी हो रही है।
कुल खरीदी:
भाजपा सरकार में 17 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी होती थी अभी घटकर 13 लाख हो गई है।
बोनस: प्रत्येक संग्राहक को तेंदूपत्ता का बोनस दिया जाता था। कांग्रेस की सरकार में लाभांश राशि में बंदरबांट चल रही है। संग्राहकों को नाम मात्र का बोनस दिया जा रहा है।
अन्य सुविधाएं:
प्रत्येक संग्राहक का जीवन बीमा, उन्हें चरण पादुका व साड़ी दी जाती थी। इस सरकार में कोरोना काल में भी बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया। चरण पादुका और साड़ी नहीं मिली।
छात्रवृत्ति: तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती थी मगर कांग्रेस की सरकार ने छात्रवृत्ति की सुविधा बंद कर दी है।


