चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. मंगलवार को जहां एक तरफ कांग्रेस की सीएम हाउस में आपात बैठक हुई तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की भी कार्यसमिति की बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, पूर्व सीएम रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत कार्यसमिति के सदस्य शामिल हुए.
बीजेपी ने इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस्तीफा मांगा और एक संकल्प पारित किया.
रायपुर में आयोजित हुई बीजेपी कार्यसमिति की बड़ी बैठक
दरअसल मंगलवार सुबह 11 बजे से बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में बीजेपी कार्यसमिति की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी ने शराब घोटाला मामले में कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई साथ ही छत्तीसगढ़ बचाओ संकल्प भी पारित किया. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर छत्तीसगढ़ की छवि को देश भर में खराब करने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ईडी की जांच में सहयोग करने की हिदायत दी.
‘इस्तीफा देकर जांच में सहयोग करें सीएम’
बैठक में कहा गया कि बीजेपी जनता के साथ विश्वासघात करते हुए शराब की नदी बहाकर छत्तीसगढ़ी युवाओं का भविष्य चौपट करने के अपराध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह ताकीद करती है कि वे बिना किसी राजनीतिक हथकंडे के प्रदेश के माथे पर लगे कलंक को मिटाने के लिए इस्तीफा दें और मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर उनके ऊपर लगे सभी घोटालों की जांच कर रहे संस्थानों के साथ एक आम आरोपी की तरह जांच में सहयोग करें.
कांग्रेस की आपात बैठक को लेकर क्या बोले रमन सिंह
वहीं कांग्रेस द्वारा अचानक बुलाई गई बैठक पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का भी बयान सामने आया है. रमन सिंह ने कहा कि प्रभारी (कुमारी सैलजा) आती हैं तो कुछ ना कुछ विषय को लेकर आती हैं. प्रदेश में हलचल हो रही है. एक महत्वपूर्ण विषय वो भी है. छत्तीसगढ़ में करप्शन रोज-रोज उजागर हो रहे हैं. दो हजार करोड़ का शराब घोटाला प्रूफ हो गया है, न्यायालय में प्रस्तुत हो गया है. सरकार के संरक्षण में सिंडीकेट ने 30 फीसदी अवैध शराब बेची. अब इससे बड़े प्रमाण की जरूरत नहीं है. अब केंद्रीय नेतृत्व को फैसला लेना है कि ऐसे व्यक्ति को पद पर बने रहने का अधिकार है कि नहीं.


