नए संसद भवन का उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) आज होने जा रहा है. अब सवाल उठने लग गया है कि पुराने संसद भवन का क्या होगा? मौजूदा इमारत ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य किया, जिसमें कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं.
संसद भवन की समृद्ध विरासत का संरक्षण और कायाकल्प राष्ट्रीय महत्व का मामला है जिसे मूल रूप से काउंसिल हाउस कहा जाता है. पुराने संसद भवन में शाही विधान परिषद थी और इसे भारत की लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक माना जाता है. इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था, जिसे बनाने में 6 साल लगे और यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था.
साल 1956 में मौजूदा संसद भवन में दो मंजिलें जोड़ी गईं थीं. वहीं, 2006 में भारत की 2500 वर्षों की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को शोकेस करने के लिए संसद संग्रहालय को जोड़ा गया था. मार्च 2021 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया था कि एक बार नया भवन तैयार हो जाने के बाद मौजूदा संसद की मरम्मत करनी होगी और वैकल्पिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराना होगा, लेकिन इस पर कोई व्यापक विचार नहीं किया गया है.
बताया जा रहा है कि पुरानी बिल्डिंग को तोड़ा नहीं जाएगा. मौजूदा संसद भवन का निश्चित रूप से संरक्षण किया जाएगा क्योंकि यह देश के लिए एक पुरातात्विक संपत्ति है. मौजूदा संसद भवन को भी एक संग्रहालय में परिवर्तित किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो भवन को आमजन के लिए खोला जा सकता है ताकि वे लोकसभा और राज्यसभा चैंबर्स का अनुभव कर सकें. मौजूदा समय में सभी पेंटिंग्स, मूर्तियां, पांडुलिपियां, संग्रह और अन्य महत्वपूर्ण विरासत व सांस्कृतिक कलाकृतियों को राष्ट्रीय संग्रहालय व भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में रखा गया है.
नए संसद भवन के उद्घाटन का 20 पार्टियां कर रहीं विरोध
नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी कर रहे हैं. इस वजह से विपक्ष विरोध कर रहा है. कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी, सपा और आम आदमी पार्टी सहित बीस विपक्षी पार्टियां ने एक साथ आकर उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इन पार्टियों का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए क्यों नहीं आमंत्रित किया गया है? नए कॉम्प्लेक्स में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को शोकेस करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, डायनिंग एरिया और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी है.