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Manipur Violence : राहुल गांधी के दौरे के बीच मणिपुर में गोलीबारी

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए इंफाल पहुंच चुके हैं. इस बीच राज्य से एक बार फिर से गोलीबारी की खबर आ रही है.

बताया जा रहा है कि कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में सुबह कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई के बाद गोलीबारी थम गयी. इधर राहुल गांधी के काफिले को भी पुलिस ने रोक दिया है.

मणिपुर के विष्णुपुर में राहुल गांधी के काफिले को रोका गया

मणिपुर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी के काफिले को इंफाल से 20 किलोमीटर दूर विष्णुपुर जिले में रोक दिया गया. पुलिस ने सुरक्षा का हवाला और अशांति फैलने की आशंका को देखते हुए राहुल गांधी को आगे बढ़ने से रोका. हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जा रहे थे राहुल गांधी. कांग्रेस नेता पिछले महीने की शुरुआत में पूर्वोत्तर राज्य में हुई जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे. मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं. कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है. मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है.

राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस ने उठाये सवाल

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है. पुलिस का कहना है कि वे हमें इजाजत देने की स्थिति में नहीं हैं. राहुल गांधी के स्वागत के लिए लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोका है?

मणिपुर हिंसा में अबतक 100 से अधिक लोगों की मौत

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.