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Uttarpradesh : लोगों को मिलेगी सस्ती बिजली! 18,000 करोड़ रुपये की लागत, दो थर्मल पावर प्लांट को मंजूरी

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Thermal Power Projects in UP : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सोनभद्र जिले के ओबरा में लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 800-800 मेगावॉट की दो थर्मल पावर प्लांट परियोजनाओं ‘ओबरा डी (Obra D)’ को मंजूरी दे दी है।

इसका उद्देश्य राज्य के लोगों को सस्ती बिजली मुहैया करना है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘ओबरा डी’ थर्मल पावर प्लांट को मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दावा किया कि राज्य में अभी तक इस तरह की परियोजना अस्तित्व में नहीं रही है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने प्रदेश में उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इन्हीं प्रयासों के क्रम में मंगलवार को लोकभवन में योगी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ की लागत से 800-800 मेगावॉट की दो थर्मल परियोजनाओं ‘ओबरा डी’ को मंजूरी प्रदान की गई।

राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी

बयान के अनुसार, इन परियोजनाओं को केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली बिजली जनरेटर NTPC के साथ 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी में पूरा किया जाएगा। इसमें 30 प्रतिशत की इक्विटी दी जाएगी, जबकि 70 प्रतिशत राशि का प्रबंध वित्तीय संस्थानों से किया जाएगा। खास बात यह होगी कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी। ऐसा संयंत्र अबतक प्रदेश में नहीं बना है। इस तरह के संयंत्र की प्रौद्योगिकी आधुनिक होती है और इनकी दक्षता काफी ज्यादा होती है तथा कोयले का उपभोग भी काफी कम होता है। इसके चलते लागत में भी कमी आती है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री शर्मा ने बताया कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान हमने NTPC के साथ ओबरा में एक थर्मल पावर प्लांट लगाने का समझौता किया था। इसी समझौते के तहत प्रदेश सरकार और NTPC ने प्लांट शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसे मंत्रिपरिषद से भी अनुमति प्रदान कर दी गई है।

1 रुपये प्रति यूनिट सस्ती हो जाएगी बिजली

उन्होंने बताया कि यह प्लाटं लगभग 500 एकड़ जमीन पर बनेगा। यदि आगे और जमीन की जरूरत होगी तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी। इसकी पहली यूनिट के 50 महीने में और दूसरी के 56 महीने में तैयार होने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि तापीय क्षेत्र में हमारी क्षमता 7,000 मेगावॉट है। ये दो यूनिट इसके लगभग एक-चौथाई के बराबर बनने जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जाती है, जबकि इस परियोजना से सरकार 4.79 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद सकेगी। इससे उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति यूनिट सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।