हरियाणा के नूंह जिले में पिछले हफ्ते 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से आसपास के इलाकों में भी स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी. हिंसा की चपेट में गुरुग्राम भी आ गया. अब हालत यह हो गई है कि इस घटना के बाद गुरुग्राम में रहने वाले करीब 5000 फल और सब्जी विक्रेताओं ने शहर को छोड़ दिया है.
वहीं कई हिंदू संगठनों का कहना है कि वे इसी महीने 28 अगस्त को अपनी शोभायात्रा पूरी करेंगे.
सांप्रदायिक हिंसा के बाद गुरुग्राम में अलग-अलग सेक्टर्स में सड़कों पर फल-सब्जी और अन्य सामान लगाने वाले स्ट्रीट वेंडरों की संख्या करीब 40 हजार हैं जिसमें 40% एक ही समुदाय के लोग हैं. इस सांप्रदायिक हिंसा के बाद गुरुग्राम के अलग-अलग क्षेत्र में रेहड़ी लगाने वाले इस समुदाय के विक्रेताओं ने अपनी जगह छोड़ दी है. गुरुग्राम के सदर बाजार में रोड के किनारे लगने वाले फल विक्रेता और सब्जी विक्रेता फिलहाल नदारद हैं इतना ही नहीं घरों में ठेके पर पुताई का काम करने वाले ठेकेदारों का कहना है कि उनके आदमी अभी अपने घर गए हुए हैं जो इस घटना के बाद से वापस आने में कतरा रहे हैं.
अभी भी कई लोग गुरुग्राम नहीं लौटे
गुरुग्राम का सदर बाजार का रोड पहले कभी रेहडी पटरी से पटा हुआ करता था. सदर बाजार की रोड पर फल सब्जी वाले और तमाम काम धंधे करने वाले एक समुदाय के लोग मौजूद रहते थे, लेकिन 31 जुलाई को नूंह से शुरू हुई नहगड़ के मंदिर से शोभा यात्रा निकालने जाने पर एक समुदाय द्वारा जमकर पत्थरबाजी की गई थी और जिसके बाद पूरे हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर पथराव की घटना सामने आने लगी.
जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्र में तुरंत धारा 144 लागू की गई जिसके बाद पथराव करने वाले लोगों की गिरफ्तारी की गई. फिलहाल गुरुग्राम में पटरी लगाने वाले लोगों ने अभी गुरुग्राम की ओर रुख नहीं किया है क्योंकि लोगों के अंदर अभी डर का माहौल बना हुआ है और उन्हें अपनी जान और माल का खतरा सता रहा है.
काम-धंधे पर पड़ रहा असर
रेहडी पटरी पर काम करने वाले लोगों का कहना है कि वे यहां पर कई सालों से काम धंधा कर रहे हैं लेकिन 31 जुलाई के बाद से माहौल थोड़ा बदल गया है. उनके साथ के लोग जो दूसरे राज्य उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रहते हैं कोई मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बुलंदशहर और मुरादाबाद समेत कई जिलों से आकर यहां पर अपना काम धंधा कर रहे हैं उनके अभी यहां आने में डर लग रहा है.
साथ ही गुरुग्राम में मकान में पुताई का ठेका लेने वाले अकरम खान का कहना है कि उनके साथ कई अन्य मजदूर बाहर का काम करती है जो इस घटना के बाद से घर गई हुई है और अभी तक वापस नहीं आई है क्योंकि उसे डर सता रहा है कि कहीं दोबारा से माहौल खराब ना हो जाए जिसके कारण वे लोग अपने काम धंधे पर वापस नहीं आ स रहे हैं जिसके कारण काम पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.
गुरुग्राम और उसके आसपास क्षेत्रों में काम करने वाले प्रवासी लोग अभी फिलहाल अपने काम धंधे पर वापस नहीं आए हैं हालांकि जिला प्रशासन द्वारा हर जगह पर नजर रखी जा रही है और जिले में धारा 144 अभी भी लागू है.
28 अगस्त को निकालेंगे शोभायात्रा
इन सबके बीच 28 अगस्त को नलहड़ मंदिर से दोबारा हिंदू संगठनों की ओर से शोभा यात्रा निकालने की तैयारी चल रही है. जिसमे बजरंग दल, हिंदू सेना और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होंगे. इस मामले पर बजरंग दल के जिला प्रवक्ता कुलभूषण भारद्वाज ने बताया कि 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की ओर से जलाभिषेक यात्रा निकाली जा रही थी, लेकिन उस शोभायात्रा पर जिहादियों ने जो हमला किया जिसके कारण शोभायात्रा पूरी नहीं हो सकी.
उन्होंने आगे कहा कि अब उस अधूरी यात्रा को पूरा करने के लिए फिर से विश्व हिंदू परिषद समेत कई लोगों की इच्छा है कि यह यात्रा दोबारा पूरी करनी चाहिए. इस यात्रा को लेकर हमने अपने विश्व हिंदू परिषद के अधिकारियों को अवगत करा दिया है. यह यात्रा पूरी होनी चाहिए और सावन महीने में ही पूरी होनी चाहिए.