Home छत्तीसगढ़ Raksha Bandhan 2023: राजनांदगांव के बाजारों में रक्षाबंधन की रौनक, बच्चों के...

Raksha Bandhan 2023: राजनांदगांव के बाजारों में रक्षाबंधन की रौनक, बच्चों के लिए बनी ये राखियां कर रही हैं आकर्षित…

13
0

Raksha Bandhan 2023: राखी पर्व के लिए रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियों से शहर बाजार सज गया है. कोरोना काल के बाद पहली बार राखी के बाजार में उत्साह दिख रहा है. पिछले साल संक्रमण में कमी आने के बावजूद व्यवसाय में मंदी के कारण दुकानों की संख्या काफी कम थी.

इस बार दुकानें इस तरह की 250 से अधिक दुकानें लगी हैं. शहर में राखी के प्रमुख बाजार रोड चौक बाड़ी से लेकर होटल मार्ग के अंतिम छोर तक लगभग 60 से अधिक दुकानें लगी है.

इसी तरह शहर के स्कूल रोड में गुरूद्वारा के पास से गुरूनानक चौक होते मल्टीपरपज स्कूल और पुलिस लाइन तक दुकानें सजी हुई हैं. इसके अलावा लगभग सभी वार्डों के किराना दुकानों के अलावा प्रमुख चौक चौराहों में भी दुकानें सजी हुई हैं. एक अनुमान के मुताबिक, शहर में हर साल लगभग 1 करोड़ रुपये तक राखी का कारोबार होता है. पिछले साल की तुलना में राखी की कीमत में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

बच्चों के लिए आइसक्रीम, घड़ी, तकिया की राखी की डिमांड

बाजार में इस बार नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए कार्टून किरदार के पात्रों के अलावा, नई राखियों में आइसक्रीम, घड़ी, तकिया के साथ ही देवी-देवताओं की तस्वीर वाली राखियों की मांग बढ़ गई है. लुंबा राखी भी विभिन्न डिजाईन में उपलब्ध है. वहीं रूद्राक्ष, रेशम के अलावा आकर्षक मोतियों से बनी राखियां भी बड़े पैमाने पर बाजार में उपलब्ध हैं. बाजार में 10 रूपये से लेकर 350 से 400 रुपये तक की कीमत की राखियां उपलब्ध हैं. दूर रहने वाले भाईयों की कलाई सजाने के लिए बहनों के द्वारा राखियों की खरीदारी कर उन्हें डाक अथवा कोरियर के माध्यम से भेजना शुरू कर दिया है.

चाइनीज राखियां बाजार से गायब

इस बार चाइनीज राखियां बाजार से लगभग नदारद हैं. गौरतलब है कि पहले चाइनीज सामानों से बाजार अटा रहता था. चीन और भारत के बीच चल रहे तनाव के स्थिति को देखते हुए लोगों का रूझान भी चीन के बजाए स्वदेशी वस्तुओं की ओर बढ़ा है. व्यवसायियों के मुताबिक, कोलकाता और दिल्ली राखी का बड़ा थोक बाजार है. इसके अलावा कटनी से भी राखी की खरीदारी होती है. बताया जा रहा है कि चीनी समानों से मोह भंग होने के साथ ही अब होली और राखी के लिए सिर्फ देसी उत्पाद की मांग बढ़ गई है.