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एक देश-एक चुनाव पर मोदी सरकार ने बनाई समिति, आज जारी हो सकता है नोटिफिकेशन

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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार बड़ा कदम उठाती दिख रही है. एक देश एक चुनाव का मसला लगातार सुर्खियों में बना रहा है और इस बीच भारत सरकार ने एक समिति का गठन किया है, जो इस पर अपनी रिपोर्ट देगी.

इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. भारत सरकार आज इसपर आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है.

बीते दिन ही केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया था. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि इस स्पेशल सत्र में मोदी सरकार एक देश-एक चुनाव को लेकर बिल ला सकती है और चर्चा कराने के बाद पास कर सकती है. जैसे ही ये अटकलें चली तभी देश में नई बहस शुरू हो गई, विपक्ष के कई नेताओं द्वारा इस तरह के किसी भी बिल लाने को गैरसंवैधानिक बताया गया.

अगर लागू हुआ एक देश एक चुनाव…

अगर देश में एक देश-एक चुनाव का फैसला लागू होता है, तो सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ ही कराए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर इसके पक्ष में जोर-शोर से आवाज़ उठा चुके हैं और अब देश में इसको लेकर माहौल बनाया जा रहा है. कुछ वक्त पहले ही लॉ कमिशन ने एक देश एक चुनाव पर आम लोगों की राय भी मांगी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस बात का जिक्र किया था कि किसी को भी एक सिरे से एक देश-एक चुनाव के मसले को नहीं नकारना चाहिए और इसपर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. पीएम मोदी ने देश का वक्त, खर्च और विकास की गति तो तेज करने के लिए एक देश-एक चुनाव को वक्त की जरूरत बताया था और कहा कि हमें इस ओर कदम बढ़ाने चाहिए.

दरअसल, ये चर्चा इसलिए तेज हुई क्योंकि बीते दिन केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्विटर पर ये जानकारी दी कि 18 से 22 सितंबर तक केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है. इस दौरान 5 बैठकें होंगी और अमृत काल की ओर बढ़ रहे देश के विकास के मसले पर सार्थक चर्चाएं होंगी.

हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा एक देश एक चुनाव को लेकर बनाए जा रहे माहौल पर विपक्ष आगबबूला है. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि अभी देश को इसकी जरूरत नहीं है, मोदी सरकार की मंशा इस मामले में ठीक नहीं है. सरकार को पहले महंगाई से निदान पाने और बेरोजगारी को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए.