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क्या कोरोना की ही तरह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है ये जानलेवा संक्रमण, किसे ज्यादा खतरा?

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केरल में निपाह वायरस का बढ़ता संक्रमण स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। अब तक यहां 6 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है, एक हजार से अधिक निकट संपर्क में आए लोगों की स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है।

कोझिकोड जिले से शुरू हुआ संक्रमण अब 30 से अधिक शहरों में बढ़ गया है। राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए पड़ोसी राज्यों में को भी अलर्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी से अपील की है कि प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल अनावश्यक यात्रा करने से बचें और इस वायरल संक्रमण से बचाव के लिए प्रयास करते रहें।

निपाह वायरस के संक्रमण के कारण मृत्युदर 40-70 फीसदी के बीच देखा जा रहा है, जिसके कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता और भी बढ़ गई है। इस वायरल संक्रमण को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। क्या यह कोरोना जितना ही खतरनाक है, क्या इसका प्रसार भी कोविड की ही तरह एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है? और किन लोगों में इस रोग का खतरा अधिक हो सकता है, आइए इस बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।

निपाह के कारण मृत्युदर अधिक

भारत में देखा जा रहा निपाह वायरस का ये स्ट्रेन मुख्यरूप में बांग्लादेश का माना जा रहा है, जिसे अध्ययनों में संक्रामकता के मामले में तो कम पाया गया है, हालांकि इसके कारण मृत्यु का जोखिम अधिक हो सकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया निपाह वायरस के मुख्यरूप से दो प्रकारों के बारे में पता चलता है जिसमें मलेशिया और बांग्लादेश स्ट्रेन प्रमुख है। मलेशिया स्ट्रेन के कारण संक्रमित व्यक्ति से दूसरे को संक्रमण होने का खतरा कम देखा जाता रहा है, हालांकि बांग्लादेश स्ट्रेन के कारण इसका जोखिम अधिक हो सकता है और इसके एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से बढ़ने का जोखिम भी अधिक रहा है।

संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में संक्रमण का खतरा

निपाह वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद से लोगों के मन में ये बड़ा सवाल रहा है कि क्या कोरोना की तरह इसका संक्रमण भी एक से दूसरे व्यक्ति में होता है, अगर हां तो क्या इससे बचाव के लिए भी सोशल आइसोलेशन जरूरी है?

इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, निपाह का संक्रमण भी कोरोना की ही तरह से एक से दूसरे में तेजी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के स्राव जैसे मूत्र, रक्त और नाक या छींक से निकली बूंदों के सीधे संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्तियों में इसका खतरा हो सकता है। यही कारण है इन दिनों केरल में देखे जा रहे ज्यादातर संक्रमित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी हैं।

किन लोगों में इस संक्रमण के खतरा?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, निपाह का संक्रमण किसी को भी हो सकता है, हालांकि इसमें भी शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता की बड़ी भूमिका होती है। जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें संक्रामक रोगों का खतरा अधिक हो सकता है। संक्रमित चमगादड़-सुअरों के संपर्क में आए फलों के खाने से इसका संक्रमण हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि चमगादड़ के मल से दूषित फलों के सेवन के कारण भी इस रोग का खतरा हो सकता है।