छत्तीसगढ़ : बस्तर जिले के बाद अब नारायणपुर जिले में भी वन अधिकार पट्टा के लालच में ग्रामीण अंधाधुध बेशकीमती पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. जिले के कुंदला गांव में पिछले कुछ दिन से लगातार ग्रामीण पेड़ो की अवैध कटाई कर रहे हैं.
इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बाकायदा ग्रामीण कुछ जगहों पर पेड़ों की गर्डलिंग कर रहे हैं ताकि पेड़ जल्द से जल्द सूखने लगे और उसके बाद इसकी कटाई कर सकें.
यह एरिया सोनपुर वन परिक्षेत्र के रिज़र्व फॉरेस्ट के कच्छ क्रमांक 25/ 30 के अंतर्गत आता है, जहां ग्रामीण वन अधिकार और राजस्व पट्टा के लालच में वनों की बेधड़क कटाई कर रहे हैं. इसके साथ ही फर्नीचर के लिए भी जंगल से बड़े पैमाने पर इमारती लकड़ियों को काटा जा रहा है.
छत्तीसगढ़ का बस्तर घने जंगलों से घिरा हुआ है और इसे वनों का द्वीप भी कहा जाता है. इसके अलावा सागौन के पेड़ भी बस्तर में बड़ी संख्या में मौजूद हैं. इस वजह से हमेशा से तस्करों की नजर इन वनों पर रहती है. वहीं, जब से ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा देने का वादा किया गया है, उसके बाद से बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में ग्रामीणों के द्वारा वन अधिकार पट्टा के लालच में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के मामले भी सामने आ रहे हैं.
बस्तर जिले के भानपुरी क्षेत्र में कुछ साल पहले अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जानकारी मिली थी. नारायणपुर जिले के कुंदला और सोनपुर रिज़र्व फॉरेस्ट एरिया में भी यह बात सामने आ रही है. दरअसल, ग्रामीण पेड़ों को काटने से पहले उसे सुखाने के लिए ट्री गर्डलिंग का तरीका अपना रहे हैं. इसके लिए जड़ से कुछ ऊपर पेड़ के चारों तरफ से छिलाई कर दी जाती है, जिससे पेड़ तेजी से सूखने लगता है. नारायणपुर के रहने वाले शिकायतकर्ता पंकज यादव ने बताया कि नारायणपुर- सोनपुर मुख्य मार्ग से लगे हुए जंगल में स्थानीय ग्रामीण पिछले 1 साल से विशाल वृक्ष सहित इमारतें लकड़ियों की अंधाधुंध कटाई करने के साथ इन स्थलों पर झोपड़ी बनाकर अवैध रूप से कब्जा भी कर रहे हैं.
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई में इस क्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर की भी संलिप्तता है. क्योंकि इसी रास्ते से होकर आए दिन वन विभाग की टीम सोनपुर तक जाती है. ऐसे में मुख्य मार्ग के दोनों ओर कटे हुए विशाल पेड़ों का जखीरा उन्हें नजर नहीं आता और कटाई कर रहे ग्रामीणों पर किसी प्रकार की कार्रवाई ना करना इस पेड़ कटाई की भूमिका में उन्हें संदिग्ध बनाता है.
जांच पूरी होने के बाद की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारी और नारायणपुर के उप वनमंडलाधिकारी अशोक सोनवानी का कहना है कि फॉरेस्ट की जमीन को पट्टे की जमीन बताकर अवैध कटाई की जा रही थी. कुछ जगहों पर पेड़ों की गर्डलिंग किए जाने की भी शिकायत मिली है. उक्त भूमि की नाप की गई है और विभाग के अधिकारी जांच भी कर रहे हैं. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि अगर विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी पेड़ों की अवैध कटाई के खेल में संधिग्द पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी.