अयोध्या के राम मंदिर की मजबूती और खासियत जानकर भी आप हैरान हो जाएंगे. मंदिर को इतनी मजबूती से बनाया जा रहा है कि आने वाले हजारों साल तक मंदिर वैसे का वैसा बना रहे. वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है तो वहीं देश के बड़े संस्था के इंजीनियर भी राम मंदिर में अपना योगदान दे रहे हैं. मंदिर को पत्थरों से बनाया जा रहा है. कहीं पर भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा. इतना ही नहीं सरयू की जलधारा से मंदिर को कोई प्रभाव न पड़े इसका भी ध्यान राम मंदिर बनाने वाली संस्थाओं ने रखा है. राम मंदिर के चारों ओर रिटेनिंग वॉल की मोटी चादर बिछाई गई है. जिसे परकोट के नाम से जाना जाता है.
मंदिर की लंबाई 380 फिट है तो चौड़ाई भी 250 फिट है और मंदिर की ऊंचाई 161 फीट रखी गई है. मंदिर तीन मंजिला बनाया जा रहा है. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई भी 20 फिट है. अयोध्या के राम मंदिर में 44 दरवाजे लगाए जाएंगे. जिसमें से 18 दरवाजे सोने से जड़ित होंगे. इसके अलावा मंदिर में 392 खंबे होंगे खंभे पर भी देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई जाएगी. इतना ही नहीं मंदिर तीन चरणों में बनाया जा रहा है. प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है. 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे तो वही जनवरी 2024 तक दूसरे चरण का काम पूरा होगा और जनवरी 2025 तक संपूर्ण मंदिर का निर्माण कर लिया जाएगा.
नहीं होगा भूकंप का आसार
पूरा मंदिर पत्थर और कंक्रीट से बनाया जा रहा है. मंदिर के परकोट की बात अगर करें तो मंदिर का परकोटा भी आयताकार रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फिट रहेगी. अगर 8.0 तीव्रता से भूकंप भी आता है. तब भी मंदिर का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.