दिसंबर महीने में खुदरा मंहगाई दर चार महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.69 प्रतिशत रही। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.5 प्रतिशत थी।
अक्टूबर में महंगाई 4.87 प्रतिशत थी। लगातार चौथे महीने महंगाई बढ़ने से आरबीआई की टेंशन बढ़ सकती है। आने वाले समय में आरबीआई महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि, महंगाई दर आरबीआई के आंकड़ों के नीचे ही है।
लेकिन आने वाले समय में देखना होगा कि आरबीआई महंगाई को लेकर क्या कदम उठाता है? खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर महीने में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है। मसालों की महंगाई में सालाना आधार पर 21.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा दाल और उसके उत्पादों में 20.23 प्रतिशत, सब्जियों में 17.7 प्रतिशत और फलों की महंगाई में 10.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई सालाना आधार पर 10.27 प्रतिशत रही। हालांकि, तेल और वसा के खुदरा दाम में 15 प्रतिशत की गिरावट आई।