भारत में गेहूं के आटे की रोटियां सबसे ज्यादा खाई जाती हैं। इसका कारण यह है कि यह आटा आसानी से हर जगह मिल जाता है। गेहूं का आटा ग्लूटेन युक्त होता है, जो कुछ लोगों के लिए बीमारियों का कारण बन जाता है। गेहूं के आटे की रोटियां एक सामान्य फूड हैं, मगर कुछ स्थितियों में यह नुकसानदायक भी हो जाता है। हालांकि, यह बात बहुत लोग जानते हैं कि इस आटे की रोटी नुकसानदायक होती है, लेकिन इसका कारण क्या है? चलिए जानते हैं इस पर डायटीशियन की राय।
निधी शुक्ला पांडे सोशल मीडिया पर मशहूर एक डायटीशियन हैं, जो एक पॉडकास्ट शो में बताती हैं कि लोग गेहूं के आटे को नुकसानदायक और ग्लूटेन वाला मानते हैं, जो कि सेहत के लिए हानिकारक होता है। मगर इस आटे की रोटियां पहले के जमाने के लोग भी खूब खाते थे, मगर कभी बीमार नहीं पड़ते थे, तो इसका कारण क्या है?
डायटीशियन बताती हैं कि पहले के समय में लोग आटा गूंथकर उस पर पानी की छींटे या तेल से मसाज करके उसे कपड़े से ढकते थे और कुछ समय के लिए आटे को आराम देते थे। इस प्रक्रिया को फॉलो करने से आटे में ग्लूटेन से बनने वाली इलास्टिक जैसी स्थिति होती है, वह जो आपके शरीर को लाभ देगी और आपका शरीर उसे अब्जोर्ब भी करेगा। मगर आजकल की लाइफस्टाइल में लोग तुरंत आटा गूंथते हैं और फिर रोटियां बनाने लगते हैं। वे कहती हैं कि हम लोग आटे को सही से सेट होने का समय भी नहीं देते हैं, जिससे रोटियां सेहतमंद बन सकें। इसके अलावा, आटा गूंथकर फ्रिज में रखना और उस आटे की रोटियां खाना भी नुकसानदायक होता है।