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कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’

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कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, आज से शुरू होने जा रही है। राहुल गांधी इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे। यात्रा रविवार को मणिपुर के इम्फाल में थौबल एरिया से शुरू होगी।

यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी थौबल में खोंगजोम युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे, जो 1891 में आखिरी एंग्लो-मणिपुर युद्ध में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया था। लेकिन राहुल गांधी की इस यात्रा के लिए कांग्रेस के लिए क्या मायने हैं? आइए जानते हैं…

कांग्रेस का टारगेट 100 लोकसभा सीटें

भारत जोड़ो न्याय यात्रा मोदी सरकार के 10 साल के ‘अन्याय काल’ के खिलाफ है। इसके जरिए कांग्रेस करीब 100 लोकसभा सीटों को टारगेट करने निकली है। राहुल गांधी यात्रा के दौरान वह लोकसभा चुनाव 2024 के संसदीय चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह भरेंगे। पार्टी ने अपने सभी वर्करों, नेताओं, सहयोगियों को यात्रा का हिस्सा बनने के लिए कहा है। 2 महीनों में राहुल गांधी लोगों से मिलेंगे। सार्वजनिक बैठकें करेंगे और वह स्पष्ट करेंगे कि तीन मोर्चों आर्थिक समानता, सामाजिक समानता और राजनीतिक समानता पर देश की जनता को न्याय प्रदान करने के लिए कांग्रेस का दृष्टिकोण क्या है।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा फोकस रहेगा

राहुल गांधी की यात्रा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दिन बिताएगी। 11 दिन में 20 जिलों में 1074 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों से गुजरेगी, जिसमें अमेठी, गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी शामिल है। 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश फोकस सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए अनिवार्य है, क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस यहां केवल एक सीट जीत पाई थी। रायबरेली सीट से सोनिया गांधी एकमात्र कांग्रेस सांसद हैं।

इस तरह सफर करेंगे राहुल और यात्रा

राहुल गांधी की यात्रा यात्रा एक दिन के लिए मणिपुर में रहेगी। झारखंड-असम में 8-8 दिन, मध्य प्रदेश में 7 दिन, बिहार के 7 जिलों और झारखंड के 13 जिलों में, राहुल गांधी की यात्रा क्रमशः 425 किलोमीटर और 804 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। मणिपुर से यात्रा नागालैंड जाएगी और 2 दिन में 257 किलोमीटर और 5 जिलों को कवर करेगी। इससे पहले असम में 833 किलोमीटर और 17 जिलों को कवर करेगी। अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में यात्रा एक-एक दिन के लिए रुकेगी। इसके बाद यात्रा पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जाएगी।

न्याय यात्रा 67 दिनों में करीब 110 जिलों का सफर करेगी। 6700 किलोमीटर से ज्यादा की दूसरी तय करेगी। यात्रा का समापन 20 मार्च को होगा।