ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिमांड मांगते हुए गोवा विधानसभा चुनाव में दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले के काले धन के इस्तेमाल की सबूतों के साथ विस्तृत जानकारी दी हैं।
- ईडी ने पैसे देने वाले आरोपियों के साथ-साथ इसे पहुंचाने और इस्तेमाल करने वाले सभी गवाहों के बयानों की एक सूची पेश की।
- उनके मुताबिक, साउथ लॉबी से ली गई100 करोड़ रुपये की एडवांस रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये गोवा चुनाव में खर्च किए गए।
ईडी ने यह भी बताया कि अब तक अपराध से अर्जित 128।79 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया गया है और जब्त किया गया है।
- गोवा चुनाव के लिए भेजे गए 45 करोड़ रुपये
ईडी के मुताबिक, गोवा चुनाव के लिए चार रास्तों से 45 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इनमें से लगभग 12 करोड़ रुपये अशोक चंदू भाई के माध्यम से भेजे गए, 7।1 करोड़ रुपये देवांग सोलंकी के माध्यम से भेजे गए, 16 करोड़ रुपये कीर्ति अंबा लाल के माध्यम से भेजे गए और 7।5 करोड़ रुपये मेसर्स नीलकंठ के माध्यम से भेजे गए। ये सभी हवाला कारोबार में एजेंट के तौर पर काम करते हैं।
मेसर्स मां अंबे ने दो करोड़ रुपये गोवा भेजे
आंगड़िया का काम करने वाली मेसर्स मां अंबे ने दो करोड़ रुपये गोवा भेजे थे। इन सभी के बयान ईडी के पास हैं। गोवा चुनाव में इस पैसे के इस्तेमाल में चैरियट प्रोडक्शंस के राजेश जोशी की अहम भूमिका थी। ईडी के पास गोवा में आप के चुनाव प्रचार से जुड़े कई लोगों के बयान भी हैं, जिनमें नकद भुगतान की बात कही गई है।
गोवा में AAP उम्मीदवारों को प्रदान की गई नकद राशि
गोवा में आप उम्मीदवारों को नकद राशि भी मुहैया करायी गयी। साउथ लॉबी से 100 करोड़ रुपये लेकर गोवा में इस्तेमाल करने का काम घोटाले के एक अन्य आरोपी विजय नायर और दिल्ली के आप विधायक दुर्गेश पाठक की देखरेख में किया जा रहा था।
ईडी ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग का जिम्मेदार माना
मनी लॉन्ड्रिंग के लिए केजरीवाल को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए ईडी ने आप कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता के बयान का हवाला दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि पार्टी प्रमुख के तौर पर केजरीवाल ही सारे फैसले लेते थे। संबंधित राज्य के चुनाव प्रभारी इनका इस्तेमाल करते थे। लेकिन चुनाव प्रभारी किसे बनाया जाए ये केजरीवाल ने ही तय किया।