ईरान से बढ़ते तनाव के बीच हिज्बुल्लाह ने इस्राइल पर दागे दर्जनों रॉकेट…
दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, वहीं हमास और इस्राइल बीते छह महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं।
ईरान और इस्राइल के बीच भी जंग छिड़ती दिख रही है। दो कट्टर दुश्मन देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, हिजबुल्लाह ने उत्तरी इस्राइल में स्थित इस्राइली सेना मुख्यालय पर कत्युशा रॉकेटों से हमला किया। बता दें, हिजबुल्लाह लेबनान में स्थित एक सशस्त्र समूह है, जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है।
हिजबुल्लाह ने एन ज़ेटिम बेस (Ein Zeitim Base) पर 91वें डिवीजन के तीसरे इन्फैंट्री ब्रिगेड के मुख्यालय पर रॉकेट हमले की पुष्टि की। साथ ही दावा किया कि उसने दर्जनों कत्युशा रॉकेट से हमला किया।
लेबनान की समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला कथित तौर पर दक्षिणी लेबनानी गांवों में इस्राइली घुसपैठ और श्रीफा, ओडाइसेह और रब ट्लातिन पर किए गए हमले का जवाब था।
इस्राइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रॉकेट छोड़ने वाले स्रोतों को निशाना बनाया। इस्राइली सेना का कहना है कि एन ज़ेटिम बेस को करीब 35 रॉकेटों से निशाना बनाने की कोशिश की गई। हालांकि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
इस्राइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के बाद से हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, लेबनान में कम से कम 376 लोग, मुख्य रूप से हिजबुल्लाह लड़ाके और 70 नागरिक मारे गए हैं। वहीं, इस्राइली पक्ष के 10 सैनिक और आठ नागरिक मारे जा चुके हैं।
इस्राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। तेहरान ने हालिया उकसावों के जवाब में कड़ी चेतावनी जारी की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने आगाह किया कि इस्राइल की किसी भी अगली गलती पर ईरान की ओर से कठोर जवाब दिया जाएगा।
ईरानी शहर इस्फहान के पास हाल की घटनाओं की कनानी ने निंदा की और हमलों को दुर्भावनापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ईरान की वायु रक्षा ने हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
इस बीच, रविवार को इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी की अमेरिका से वापसी के एक दिन बाद ही इराक ने सीरिया में अमेरिकी मिलिट्री बेस की ओर रॉकेट लॉन्च किए थे। सीरिया की सीमा से सटे इराक के शहर जुम्मार में एक छोटे ट्रक पर एक रॉकेट लॉन्चर को तैनात किया गया और उसी से अमेरिकी सैन्य अड्डे को निशाना बनाकर पांच रॉकेट दागे गए। इस दौरान जिस ट्रक पर रॉकेट लॉन्चर रखा हुआ था। उसमें विस्फोट हो गया। कहा जा रहा है कि ट्रक को निशाना बनाकर एयरस्ट्राइक की गई थी, जिसमें अमेरिकी युद्धविमान के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
हालांकि, जिहादी समूहों के खिलाफ लड़ रहे गठबंधन ने कहा कि इराक में उसके एक विमान ने पूर्वोत्तर सीरिया में एक बेस के पास असफल रॉकेट हमले की रिपोर्ट मिलने पर आत्मरक्षा में हमला किया था। उन्होंने बताया कि इस घटना के दौरान किसी अमेरिकी कर्मी को चोट नहीं आई।
वहीं, हमास द्वारा बंदी बनाए गए 133 व्यक्तियों को लेकर इस्राइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए सैकड़ों लोग कल प्रधानमंत्री नेतन्याहू के आवास के बाहर एकत्र हुए।
गाजा में इस्राइल-हमास संघर्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर अमेरिका में विश्वविद्यालय परिसरों में तनाव फैल गया है। येल विश्वविद्यालय में, इन प्रदर्शनों के सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की गईं। कोलंबिया में प्रदर्शनकारियों ने परिसर के लॉन में गाजा एकजुटता शिविर स्थापित किया। न्यूयॉर्क संस्थान के कुछ यहूदी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान डरे होने की बात कही।
सात अक्तूबर को इस्राइल पर हमास के हुए हमले के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हिजबुल्ला ने इस्राइल की ओर रॉकेट लॉन्च किए, जिसके चलते आठ अक्तूबर को लेबनान-इस्राइल सीमा पर तनाव बढ़ गया। इसके बाद इस्राइल ने दक्षिण पूर्वी लेबनान की ओर गोलीबारी के जरिए जवाबी कार्रवाई की।