100 सीटों पर कांग्रेस का भाजपा से हो सकता है सीधा मुकाबला
बीते 2019 लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला कम सीटों पर होगा। उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के गठबंधन में चुनाव लड़ने की वजह से भाजपा से सीधे मुकाबले वाली सीटों की संख्या कम हो गई। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चुनाव में 190 सीट पर कांग्रेस-भाजपा का सीधा मुकाबला हुआ था, ऐसे में इन चुनाव में यह संख्या घटकर 100 सीट के आसपास आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि क्षेत्रीय दलों से सीधा मुकाबले वाली सीट पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। वर्ष 2019 में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों में करीब 71 सीट पर मुकाबला हुआ था। करीब 300 सीटों पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कई मतभेदों और विवादों के बावजूद इंडिया गठबंधन करीब 300 सीट पर उम्मीदवार उतारने में सफल रहा है। पश्चिम बंगाल, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में गठबंधन को झटका लगा है। इन राज्यों में भी सीट बंटवारे पर सहमति बन जाती, तो चुनाव में साढ़े तीन सौ से अधिक सीट पर भाजपा के खिलाफ गठबंधन का एक उम्मीदवार होता। इंडिया गठबंधन की वजह के इन चुनाव में कांग्रेस जहां अपने इतिहास में सबसे कम सीट पर चुनाव लड़ रही है, वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पार्टी छोटे भाई की भूमिका में चुनाव लड़ रही है। उत्तर प्रदेश में पार्टी सिर्फ 17 सीट, बिहार में नौ और तमिलनाडु में नौ सीट पर पार्टी मैदान में हैं। कुछ और सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है कांग्रेस इंडिया गठबंधन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गोवा में गठबंधन करने में सफल रहा। इन 10 राज्यों में लोकसभा की कुल 295 सीटें हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ने कहा कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के घटक दल के रूप में चुनाव लड़ रही है। पांचवें, छठवें और सातवें चरण के लिए पार्टी कुछ और सीट पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की 42, पंजाब की 13 और जम्मू-कश्मीर की पांच सीट पर गठबंधन नहीं हो सका। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस आमने-सामने है वहीं पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का मुकाबला है। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के सामने पीडीपी चुनाव लड़ रही है।